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आज का शब्द:दर्पण और केदारनाथ अग्रवाल की कविता ‘आज नदी बिलकुल उदास थी’ – Aaj Ka Shabd Darpan Kedarnath Agrawal Hindi Kavita Aaj Nadi Bilkul Udaas Thi

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                            हिंंदी हैं हम शब्द - श्रृंखला में आज का शब्द है दर्पण जिसका अर्थ है कलई किया हुआ एक शीशा जिसमें प्रतिबिम्ब दिखाई देता है; आईना। कवि केदारनाथ अग्रवाल ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। 
                                                                                                
                                                     
                            

आज नदी बिलकुल उदास थी
सोई थी अपने पानी में,
उसके दर्पण पर-
बादल का वस्त्र पड़ा था।
मैंने उसको नहीं जगाया,
दबे पांव घर वापस आया।

2 hours ago

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