जामा मस्जिद में लड़कियों के आने पर लगी रोक, VHP ने कहा- भारत को ईरान बनान चाहते हैं ये मुस्लिम कट्टरपंथी। Ban on entry of girls in Jama Masjid, VHP said- These Muslim fundamentalists want to make Indi

मस्जिद के दिवार पर चस्पा किया हुआ फरमान।
देश की राजधानी दिल्ली में जामा मस्जिद को लेकर एक नया फरमान आया है। यह फरमान मस्जिद के चारो तरफ दिवारों पर चस्पा किए गए हैं। यह फरमान मस्जिद प्रशासन के तरफ से जारी किया गया है। देश की सबसे बड़ी मस्जिद में लड़कियों के आने पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश की एक प्लेट बाकायदा मस्जिद की दिवार पर चस्पा कर दी गई है। जिसमें लिखा हुआ है कि “जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिल होना मना है।” उसके नीचे ‘projmd2000@gmail.com’ नाम से एक ई मेल ID भी लिखी हुई है। इसे लेकर कई हिंदू संगठनों ने इस फैसले की आलोचना की है तो वहीं मस्जिद प्रशासन अपने फैसले को सही ठहरा रहा है।
मस्जिद के अंदर और गेट पर खड़े कर्मचारी बिना किसी पुरूष साथी (पति/पिता) के महिलाओं को अंदर नहीं आने दे रहे हैं। मस्जिद प्रशासन का कहना है कि इस फरमान के पीछे की वजह अश्लिलता को रोकने की कोशिश है। मस्जिद प्रशासन ने यह भी कहा कि इस फैसले में केवल अकेली लड़कियों को ही मस्जिद में घुसने पर रोक है। यहां कई लड़कियाँ ऐसी भी हैं जो आती तो अकेले हैं, लेकिन पीछे से किसी और को बुला लेती हैं। परिवार के साथ आने वाली लड़कियों के लिए कोई रोक नहीं है।
फैसले की हो रही कड़ी आलोचना
मस्जिद प्रशासन द्वारा लिए गए इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है। मुस्लिम समाज की सामाजिक कार्यकर्ता शहनाज अफजल ने इसे गैर-संवैधानिक बताया है। उन्होंने इसे बराबरी के हक के खिलाफ बताया है। शहनाज़ के मुताबिक, इस फैसले को कतई कबूल नहीं किया जाएगा क्योंकि ऐसे फरमान देने वाले लड़कियों के समानता के अधिकार को छीनना चाहते हैं।
“मस्जिदों के दरवाजे पर लट्ठ लेकर खड़े हैं हलाला-तीन तलाक की वकालत करने वाले”
वहीं VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी जामा मस्जिद प्रशासन के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा है- “तीन तलाक, हलाला, हिजाब और काले बोरे में कैद रखने वाले जिहादी ठेकेदार मुस्लिम बेटियों को व्यभिचार के अड्डे बनते मदरसों में भेजने की तो वकालत करते हैं किन्तु मस्जिदों के गेट पर लट्ठ लेकर खड़े हो जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “भारत को सीरिया बनाने की मानसिकता पाले ये मुस्लिम कट्टरपंथी ईरान की घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे। ये भारत है, जहाँ की सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ’ का नारा है और जामा मस्जिद में नारी निषेध है?”