Editor’s Pick

‘जो बोल देता हूं, उसका खंडन नहीं करता’, बोले स्वामीप्रसाद मौर्य, जानें धर्मगुरुओं की तुलना किससे कर डाली?

Image Source : ANI
स्वामीप्रसाद मौर्य

रामचरितमानस पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद से ही स्वामीप्रसाद मौर्य सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है। उन्होंने रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि उससे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई गई। अब इस पर स्वामीप्रसाद मौर्य ने एक और बयान दे डाला है। जानिए अपनी सफाई में उन्होंने क्या कहा? साथ ही धर्मगुरुओं की तुलना किससे कर डाली? 

गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती: मौर्य

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में कहा कि ‘मैंने रामचरितमानस के चौपाई के कुछ अंशों की बात की थी, जिसमें स्त्रियों, आदिवासियों और पिछड़ी जातियों को नीच का दर्जा दिया गया है। गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती। मैं जो बोल देता हूं कभी उसका खंडन नहीं करता।’ 

‘धर्मगुरुओं को क्यों न आतंकवादी, शैतान समझा जाए’, बोले मौर्य

उन्होंने धर्मगुरुओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगर किसी और धर्म का व्यक्ति किसी की गर्दन काटने या जीभ काटने का बयान देता तो यही धर्मगुरु संत-महंत उसे आतंकवादी कह देते हैं, लेकिन आज ये लोग मेरे सिर काटने, जीभ काटने की बात कर रहे हैं तो क्या मैं इन्हें शैतान, जल्लाद, आतंकी न समझूं।’

बिहार के शिक्षामंत्री ने भी दिया था रामचरितमानस पर विवादित बयान

स्वामी प्रसाद मौर्य से पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी को नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी विवादित बयान देकर इस मामले और हवा दी। मौर्य के इस बयान पर 

समाजवादी पार्टी के कई विधायकों ने विरोध जताया था।

Latest Uttar Pradesh News




Source link

Related Articles

Back to top button