Aaj Ka Shabd Digant Kedarnath Agrawal Best Poem Dhoop Chamkati Hai Chandi Ki Sari Pahne – आज का शब्द: दिगंत और केदारनाथ अग्रवाल की कविता- धूप चमकती है चाँदी की साड़ी पहने

'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- दिगंत, जिसका अर्थ है- दिशा का छोर या अंत, क्षितिज, सब दिशाएं। प्रस्तुत है केदारनाथ अग्रवाल की कविता- धूप चमकती है चाँदी की साड़ी पहने
धूप चमकती है चाँदी की साड़ी पहने
मैके में आई बेटी की तरह मगन है
फूली सरसों की छाती से लिपट गई है,
जैसे दो हमजोली सखियाँ गले मिली हैं
भैया की बांहों से छूटी भौजाई-सी
लहँगे की लहराती लचती हवा चली है
सारंगी बजती है खेतों की गोदी में
दल के दल पक्षी उड़ते हैं मीठे स्वर के
अनावरण यह प्राकृत छवि की अमर भारती
रंग-बिरंगी पंखुरियों की खोल चेतना
सौरभ से मँह-मँह महकाती है दिगंत को
मानव मन को भर देती है दिव्य दीप्ति से
शिव के नंदी-सा नदिया में पानी पीता
निर्मल नभ अवनी के ऊपर बिसुध खड़ा है
काल काग की तरह ठूँठ पर गुमसुम बैठा
खोई आँखों देख रहा है दिवास्वप्न को।
29 minutes ago
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