Adani’s Company Got The Bid For Dharavi Slum Re-development – Dharavi Slum Area: धारावी को ‘चमकाने’ का जिम्मा अदाणी की कंपनी को, जानें परियोजना के बारे में सबकुछ
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के धारावी स्लम एरिया के जीर्णोद्धार का जिम्मा दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी रियल्टी को सौंपा है। कई दिग्गज कंपनियों को अदाणी रियल्टी ने धारावी स्लम के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली जीती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने 29 नवंबर (मंगलवार) को धारावी पुनरुद्धार योजना के लिए प्राप्त बोलियों की घोषणा की। प्रोजेक्ट के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास के मुताबिक इसके लिए तीन बोलियां मिली थीं। जिनमें से एक नमन ग्रुप की बोली बिडिंग के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी। उसके बाद अदाणी रियल्टी और डीएलएफ की बोली को खोला गया।
प्रोजेक्ट के सीईओ के अनुसार अदाणी रियल्टी ने परियोजना के लिए डीएलएफ की बिड से दोगुने से भी अधिक की बोली लगाई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार अदाणी ग्रुप की कंपनी ने धारावी योजना के पुनरुद्धार से जुड़ी परियोजना के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। वहीं, इस प्रोजेक्ट के लिए डीएलएफ ने 2,025 करोड़ रुपये की बोली लगाई। ऐसे में सबसे अधिक बोली होने के कारण परियोजना के लिए अदाणी रियल्टी का चयन किया गया।
सरकार ने 17 वर्षों में धारावी स्लम एरिया के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा है। सरकार ने यह परियोजना आने वाले वर्षों में मुंबई को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। इस परियोजना पूरा होने के बाद धरावी के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग लाभान्वित होंगे। बता दें कि यह प्रोजेक्ट 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। सरकार ने वर्ष 2019 में भी धारावी स्लम एरिया के विकास के लिए निविदा जारी की थी पर आगे चलकर उसे विभिन्न कारणों से टाल दिया गया था।
मुंबई स्थित धारावी की गिनती दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया के रूप में होती है। यह मुंबई के बाद्रा-कुर्ला काॅम्पलेक्स के पास है। इसके चारो ओर कमर्शियल बिल्डिंग्स हैं। मुंबई में यह स्लम एरिया ऐसी जगह पर है जिसे सोने का टुकड़ा माना जाता है। जमीन अधिग्रहण और पुनर्वास की जटिलताओं के कारण दशकों से इस इलाके का जीर्णोद्धार लटका हुआ है।
धारावी की जीर्णोद्धार परियोजना पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। सरकार ने अदाणी रियल्टी को अगले 17 वर्षों में परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य दिया है। इसके तहत पुनर्वास योजना को सात वर्षों के भीतर पूरा कर लेने लिए कहा गया है।
प्रोजेक्ट के अनुसार जो लोग 1 जनवरी 2000 से पहले से धारावी में रह रहे हैं उन्हें फ्री में पक्का मकान दिया जाएगा।
जो लोग 2000 से 2011 के बीच आकर यहां बसे हैं, उन्हें इसके लिए कीमत चुकानी होगी।
धारावी में वर्तमान समय में जिस स्लम एरिया की बसावट है उसे करीब 140 साल पहले अंग्रेजों ने वर्ष 1882 में बसाया था। यहां मजदूरों को किफायती ठिकाना देकर बसाया गया था। समय के साथ-साथ यहां आबादी बढ़ती गई और झुग्गी-झोपड़ियां धारावी की पहचान बन गईं। हालांकि स्लम एरिया सरकार की जमीन पर है, पर लोगों के बसने का सिलसिला यहां जारी है।
आंकड़ों के अनुसार धारावी में 2.8 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्लम एरिया में करीब 60 हजार परिवार रहते हैं। यहां की अनुमानित आबादी 10 लाख से अधिक है। यह संख्या देश के कई छोटे शहरों की आबादी से भी अधिक है। झुग्गी-झोपड़ियों के बीच करीब 12 हजार कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स भी हैं। राज्य सरकार अपनी जीर्णोद्धार योजना के तहत इस क्षेत्र में शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारकर गगनचुंबी इमारतें बनाना चाहती है।
भाजपा-शिवसेना सरकार ने पहली बार वर्ष 1999 में धारावी के लोगों के पुनर्वास का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने धरावी के स्लम एरिया को इंटीग्रेटेड प्लान्ड टाउनशिप के रूप में डेवलप करने का फैसला लिया। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर निविदा भी निकाले गए, पर आगे चलकर पूर्व की सभी निविदाओं को रद्द कर दिया गया और एक मास्टरप्लान बनाने का फैसला किया गया।
वर्ष भाजपा व शिवसेना की तत्कालीन सरकार ने एक स्पेशन पर्पस व्हीकल का गठन किया और धारावी की जीर्णोद्धार परियोजना के लिए नोटिफिकेशन निकाला। आगे चलकर इसके लिए वैश्विक निविदा आमंत्रित की गई। वर्ष 2019 के जनवरी महीने में दुबई स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म सिकलिंक टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन ने अदाणी ग्रुप को पछाड़ते हुए धरावी के रिडेवलपमेंट का काम हासिल किया था। पर रेलवे की जमीन विवाद के कारण कंपनी को काम सौंपा नहीं जा सका।
वर्ष 2020 में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी। शिवसेना के उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस की मदद से मुख्यमंत्री बन गए।
उन्होंने पूर्व की निविदा को निरस्त करने का फैसला लेते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की ओर से परियोजना के लिए रेलवे की जमीन हस्तांतरण प्रक्रिया में देरी की गई।
हालांकि वर्ष 2022 में महाराष्ट्र की राजनीतिक फिजा फिर बदली और एकनाथ शिंदे भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बने।
शिंदे सराकार ने धारावी के जीर्णोद्धार के लिए फिर से निविदा निकाली और इस बार अदाणी ग्रुप की कंपनी ने नमन ग्रुप और डीएलएफ को पछाड़ते हुए काम हासिल कर लिया।
अब धारावी का रंग-रूप बदलने का जिम्मा अदाणी रियल्टी के पास है और लोगों को इंतजार है धारावी की झोपड़पट्टी से आजादी का।
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महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के धारावी स्लम एरिया के जीर्णोद्धार का जिम्मा दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी रियल्टी को सौंपा है। कई दिग्गज कंपनियों को अदाणी रियल्टी ने धारावी स्लम के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली जीती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने 29 नवंबर (मंगलवार) को धारावी पुनरुद्धार योजना के लिए प्राप्त बोलियों की घोषणा की। प्रोजेक्ट के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास के मुताबिक इसके लिए तीन बोलियां मिली थीं। जिनमें से एक नमन ग्रुप की बोली बिडिंग के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी। उसके बाद अदाणी रियल्टी और डीएलएफ की बोली को खोला गया।