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Antony Blinken Says Us Has Not Enabled Ukraine Strikes Inside Russia – रूस पर यूक्रेन का हमला: अमेरिका पर उकसाने का आरोप, बाइडन के मंत्री बोले- इसमें हमारा कोई हाथ नहीं

जेलेंस्की, व्लादिमीर पुतिन और जो बाइडन
– फोटो : Graphics

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यूक्रेन ने लगातार दूसरे दिन रूस में घुसकर उसके एक और वायुसेना अड्डे को तबाह कर दिया।  ड्रोन हमले में वायुसेना अड्डे से आग की लपटें उठने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। लगातार अपने ऊपर हमले से नाराज रूस ने इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा दिया है। रूस का कहना है कि अमेरिका यूक्रेन को सैन्य मदद भेज रहा है। वहीं रूस के आरोप लगाने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सफाई दी है। ब्लिंकन ने कहा कि हमारे ऊपर लग रहे आरोप बिल्कुल निराधार हैं। हमने यूक्रेन को हमले के लिए नहीं उसकाया है।

अमेरिका ने हमले की निंदा नहीं की इसलिए बढ़ा शक
दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ड्रोन हमलों के मद्देनजर अपनी सुरक्षा परिषद बुलाई थी। इस बैठक में देश की सुरक्षा में सेंध लगाने को लेकर चर्चा हुई।  इस बैठक में सैन्य अधिकारियों ने अमेरिका को इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया क्योंकि अमेरिका ने अब तक इस हमले की निंदा नहीं की। इतना ही नहीं इस बार यूक्रेन भी हमले को सीधे तौर पर स्वीकार करने से बच रहा है।

रूस के कड़े तेवर और अमेरिका ने यूक्रेन को रोकी ATACMS मिसाइलों की आपूर्ति
यूक्रेन द्वारा रूस पर हमले के बाद अमेरिका ने लंबी दूरी की ATACMS मिसाइलों को यूक्रेन को देने से इंकार कर दिया। अमेरिका को डर है कि इससे रूसी सेना, अमेरिका और नाटो की सेनाओं के बीच सीधा टकराव हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन सोमवार को कुर्स्क, रियाजान और सेराटोव में ठिकानों को निशाना बनाने के लिए पुराने लंबी दूरी के सोवियत युग के टोही ड्रोन से हमला किया था।

सोमवार को यूक्रेन ने रूस के दो एयरबेस पर हमला कर दिया था
रूस के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले दो एयरबेस पर यूक्रेन के ड्रोन विमान ने सोमवार को हमला कर दिया था। इस हमले में पुतिन के तीन सैनिकों की मौत हो गई और चार घायल हो गए।  बताया जा रहा है कि इन ड्रोन हमलों में रूस के दो Tu-95 परमाणु बॉम्बर भी तबाह हो गए हैं। बता दें कि रूस ने इन बॉम्बर्स को यूक्रेन और ब्रिटेन को डराने के लिए तैनात किया था। वहीं यूक्रेन की तरफ से और हमलों के खतरे को देखते हुए रूसी एयरबेस को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है। इससे पहले, सेराटोव में एंगेल्स एयरबेस और रियाज़ान में डायगिलेवो एयरबेस में बड़े विस्फोटों की सूचना मिली थी, लेकिन इसपर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई थी।

विस्तार

यूक्रेन ने लगातार दूसरे दिन रूस में घुसकर उसके एक और वायुसेना अड्डे को तबाह कर दिया।  ड्रोन हमले में वायुसेना अड्डे से आग की लपटें उठने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। लगातार अपने ऊपर हमले से नाराज रूस ने इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा दिया है। रूस का कहना है कि अमेरिका यूक्रेन को सैन्य मदद भेज रहा है। वहीं रूस के आरोप लगाने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सफाई दी है। ब्लिंकन ने कहा कि हमारे ऊपर लग रहे आरोप बिल्कुल निराधार हैं। हमने यूक्रेन को हमले के लिए नहीं उसकाया है।

अमेरिका ने हमले की निंदा नहीं की इसलिए बढ़ा शक

दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ड्रोन हमलों के मद्देनजर अपनी सुरक्षा परिषद बुलाई थी। इस बैठक में देश की सुरक्षा में सेंध लगाने को लेकर चर्चा हुई।  इस बैठक में सैन्य अधिकारियों ने अमेरिका को इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया क्योंकि अमेरिका ने अब तक इस हमले की निंदा नहीं की। इतना ही नहीं इस बार यूक्रेन भी हमले को सीधे तौर पर स्वीकार करने से बच रहा है।

रूस के कड़े तेवर और अमेरिका ने यूक्रेन को रोकी ATACMS मिसाइलों की आपूर्ति

यूक्रेन द्वारा रूस पर हमले के बाद अमेरिका ने लंबी दूरी की ATACMS मिसाइलों को यूक्रेन को देने से इंकार कर दिया। अमेरिका को डर है कि इससे रूसी सेना, अमेरिका और नाटो की सेनाओं के बीच सीधा टकराव हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन सोमवार को कुर्स्क, रियाजान और सेराटोव में ठिकानों को निशाना बनाने के लिए पुराने लंबी दूरी के सोवियत युग के टोही ड्रोन से हमला किया था।

सोमवार को यूक्रेन ने रूस के दो एयरबेस पर हमला कर दिया था

रूस के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले दो एयरबेस पर यूक्रेन के ड्रोन विमान ने सोमवार को हमला कर दिया था। इस हमले में पुतिन के तीन सैनिकों की मौत हो गई और चार घायल हो गए।  बताया जा रहा है कि इन ड्रोन हमलों में रूस के दो Tu-95 परमाणु बॉम्बर भी तबाह हो गए हैं। बता दें कि रूस ने इन बॉम्बर्स को यूक्रेन और ब्रिटेन को डराने के लिए तैनात किया था। वहीं यूक्रेन की तरफ से और हमलों के खतरे को देखते हुए रूसी एयरबेस को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है। इससे पहले, सेराटोव में एंगेल्स एयरबेस और रियाज़ान में डायगिलेवो एयरबेस में बड़े विस्फोटों की सूचना मिली थी, लेकिन इसपर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई थी।




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