BJP can adopt Gujarat model in Madhya Pradesh also tickets of many ministers and MLAs can be cut मध्य प्रदेश में भी बीजेपी अपना सकती है गुजरात मॉडल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान
गुजरात विधानसभा के चुनाव में मिली रिकॉर्ड तोड़ सफलता से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नेता गदगद हैं। इसकी वजह है गुजरात में उन्होंने नया प्रयोग किया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली। अब संभावना इस बात की बनने लगी है कि मध्य प्रदेश में भी पार्टी गुजरात मॉडल को अपना सकती है। अगर ऐसा हुआ तो कई नेताओं का भविष्य संकट में पड़ सकता है।
गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सत्ता में बड़ी सर्जरी की थी, इतना ही नहीं विधानसभा के उम्मीदवारों के चयन में भी सतर्कता बरती और 30 फीसदी विधायकों के टिकट काट दिए थे। पार्टी में असंतोष भी दिखा, मगर बिना हिचक नए चेहरों को मौका दिया गया। चुनाव में जो नतीजे आए हैं वे सबके सामने हैं क्योंकि पार्टी 182 में से 156 सीटों पर जीत करने में कामयाब रही है।
सर्वे में कई विधायकों की आई निगेटिव रिपोर्ट
पार्टी सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश में भी भाजपा विधायकों का सर्वे करा चुकी है और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ऐसे विधायकों को चेता भी चुके हैं जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे लोगों के टिकट भी काटने में पार्टी परहेज नहीं करेंगी। भाजपा वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से सबक ले चुकी है और वर्ष 2023 में आने वाले चुनाव में एंटी इनकंबेंसी वाले विधायकों को मौका देकर किसी भी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। पार्टी ने लगभग 50 ऐसे विधायकों के नाम तय कर लिए हैं जिन पर गंभीरता से विचार हो रहा है इनमें से अधिकांश के टिकट कट जाए तो अचरज नहीं होगा।
पार्टी ने बनाई हैं विधायकों की तीन श्रेणियां
सूत्रों की मानें तो पार्टी ने विधायकों की तीन श्रेणियां बनाई है एक वह जो चुनाव जीतेंगे ही, दूसरे वे जिन पर थोड़ी मेहनत कर जीत हासिल की जा सकती है और तीसरे वह विधायक हैं जो कितना भी जोर लगा लें पार्टी उन्हें जीता नहीं सकती। इसलिए तीसरी श्रेणी के विधायकों का टिकट कटना तय है। इसके साथ ही कई उम्रदराज विधायकों पर भी विचार का दौर जारी है। इसके साथ ही दूसरी और पार्टी का सबसे ज्यादा जोर उन क्षेत्रों पर है जहां से वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं।