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Bjp Got A Setback In Zilla Parishad Elections In Haryana – Haryana Panchayat Election: भाजपा को लगा झटका, आप व इनेलो को मिली संजीवनी

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Haryana Panchayat Election 2022:
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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हरियाणा में जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। सिंबल पर लड़ रहे और भाजपा समर्थित अधिकतर उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। उसके 21 प्रतिशत उम्मीदवार ही जीत सके हैं। कांग्रेस ने पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा था। सिंबल पर लड़े आम आदमी पार्टी व इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के 13 प्रतिशत उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर पार्टी को संजीवनी प्रदान की है।

22 जिला परिषद और 143 पंचायत समितियों के चुनावी नतीजे रविवार को घोषित हो गए। जिला परिषद के 411 और 2964 पंचायत समिति सदस्यों के सियासी भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद मतों से हुआ। मतदाताओं ने राजनीतिक दलों को जमीनी हकीकत दिखाते हुए ज्यादातर निर्दलीयों को जिताने का काम किया। 

सत्ताधारी भाजपा-जजपा के लिए चुनाव नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। सात जिलों में 102 सीटों पर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा के खाते में सिर्फ 22 सीटें आई हैं। पार्टी सिंबल पर सात जिलों में लड़ी भाजपा दो जिलों पंचकूला व सिरसा में खाता भी नहीं खोल सकी। 

आदमपुर उपचुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी आम आदमी पार्टी और इनेलो को इस चुनाव में थोड़ा सुकून मिला है। 115 सीटों पर लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने 15 और 98 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे इनेलो को 13 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस व अन्य दल अब अपने समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रहे हैं।
 
स्थानीय के साथ प्रदेश स्तरीय मुद्दों का असर भी इन चुनाव में देखने को मिला। महंगाई, बेरोजगारी, अपराध, नशाखोरी इत्यादि मुद्दे भी उम्मीदवारों ने खूब उछाले। भाजपा ने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा लेकिन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले। उसके लिए राहत की बात है कि पार्टी सिंबल पर लड़ रहे कई उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे हैं। पूर्व मंत्री विजेंद्र कादयान की पत्नी जिला परिषद चुनाव हार गई हैं।

सांसद नायब सैनी को दोहरा झटका
पंचकूला जिले में 10 की 10 सीटें भाजपा हार गई। पंचकूला जिले के चुनाव प्रभारी और सांसद नायब सैनी को दोहरा झटका लगा है। उनकी पत्नी कुरुक्षेत्र में चुनाव हार गईं। पंचकूला में भाजपा ने ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं की थी। यह नतीजे पार्टी के लिए किसी सबक से कम नहीं हैं।

यहां भी भाजपा का लचर प्रदर्शन
अंबाला जिले में भी भाजपा 15 में से दो ही सीटें जीत पाई है। यहां सात निर्दलीय, तीन आप, दो भाजपा और एक बसपा उम्मीदवार जीता है। गुरुग्राम में जिला परिषद चेयरमैन के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही मधु वाल्मीकि चुनाव हार गई हैं। पानीपत जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन व कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य सत्यवान शेरा की पत्नी आशु चुनाव हार गई हैं। रेवाड़ी में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के समर्थक चुनाव हार गए हैं। यहां जीत हासिल करने वाले पर शराब तस्करी का आरोप है।

जजपा को यहां झटका
जजपा के भिवानी जिलाध्यक्ष विजय गोठरा की पत्नी चौथे स्थान पर रहीं। नारनौंद से जजपा हलका अध्यक्ष अमित बूरा भी चुनाव हार गए हैं। रोहतक में राजेश सरकारी की पत्नी मंजू हुड्डा ने जजपा जिला महिला अध्यक्ष मीना मकड़ोली को हराया है। जजपा विधायक रामकरण काला की पुत्रवधु पूजा रानी शाहाबाद से पिंकी हिंगाखेड़ी से चुनाव हार गईं। हालांकि रामकरण काला के पुत्र कंवरपाल ने पिंकी हिंगाखेड़ी के पिता राजकुमार हिंगाखेड़ी को हरा दिया।

इन्होंने बचाई लाज

  • कैथल में जजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपकमल सराहण की भाभी कमलेश रानी चुनाव जीतीं
  • सिरसा में अभय चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला जीते

सबक: ग्रामीण क्षेत्रों की ओर करना होगा रुख
2024 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों को ग्रामीण क्षेत्रों की ओर रुख करना पड़ेगा। चुनाव नतीजे बताते हैं कि ग्रामीण मतदाताओं ने किसी दल पर एकतरफा भरोसा न जताकर सुख-दुख में साथ आने वाले और जमीनी नेताओं पर भरोसा किया है। अगले विधानसभा चुनाव से पहले दलों को गांवों में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करनी होगी।

पहली बार तीन चरण में हुए चुनाव
हरियाणा में पंचायती राज चुनाव लंबे समय से देरी से होते आ रहे हैं। पिछली और इस बार तो अधिक देरी हुई। यह पहला चुनाव था जो तीन चरणों में संपन्न हुआ। दो चरणों में नौ-नौ और तीसरे चरण में चार जिलों में मतदान कराया गया। पुलिस विभाग के पास पर्याप्त जवान न होने पर चुनाव अलग-अलग चरण में कराने पड़े। बीच में आदमपुर उपचुनाव भी हुआ, जिस कारण एक चरण में पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना पुलिस विभाग को संभव नहीं लगा।

किसने कितनी सीटें जीतीं

  • भाजपा    22  
  • इनेलो     13  
  • आप       15
  • बसपा      4   
  • निर्दलीय  357
  • नोट: निर्वाचन आयोग के अनुसार सीपीआईएम ने 4 और जजपा ने दो सीटों पर सिंबल पर जिला परिषद चुनाव लड़ा।

निर्दलियों पर पार्टियों के अपने-अपने दावे

  • भाजपा – 151 समर्थित उम्मीदवार जीते, 115 से अधिक आजाद साथ
  • जजपा –  78 समर्थित उम्मीदवार जीते
  • इनेलो  – 10 समर्थित उम्मीदवार जीते
  • आप   – 5 समर्थित जीते
रोहतक के अमित ने हासिल की सबसे बड़ी जीत
जिला परिषद चुनाव में प्रदेश सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल करने का ताज रोहतक के वार्ड नंबर-1 से जीत हासिल करने वाले अमित रांगी के सिर सजा। 30 वर्षीय अमित रांगी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 10379 वोटों से हराया। वहीं, हिसार के वार्ड 19 से चुनाव मैदान में उतरे मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश ने महज एक वोट से जीत हासिल की। ओमप्रकाश को 4123 मत मिले और दूसरे स्थान पर रहे जगदीश को 4123 वोट प्राप्त हुए।

महिलाओं को आरक्षण पर हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी
जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में प्रदेश सरकार ने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके अलावा कुछ अन्य मुद्दे भी अदालत में विचाराधीन हैं। कोर्ट के फैसले पर ही इन चुनावों का परिणाम निर्धारित करेगा।

विस्तार

हरियाणा में जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। सिंबल पर लड़ रहे और भाजपा समर्थित अधिकतर उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। उसके 21 प्रतिशत उम्मीदवार ही जीत सके हैं। कांग्रेस ने पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा था। सिंबल पर लड़े आम आदमी पार्टी व इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के 13 प्रतिशत उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर पार्टी को संजीवनी प्रदान की है।

22 जिला परिषद और 143 पंचायत समितियों के चुनावी नतीजे रविवार को घोषित हो गए। जिला परिषद के 411 और 2964 पंचायत समिति सदस्यों के सियासी भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद मतों से हुआ। मतदाताओं ने राजनीतिक दलों को जमीनी हकीकत दिखाते हुए ज्यादातर निर्दलीयों को जिताने का काम किया। 

सत्ताधारी भाजपा-जजपा के लिए चुनाव नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। सात जिलों में 102 सीटों पर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा के खाते में सिर्फ 22 सीटें आई हैं। पार्टी सिंबल पर सात जिलों में लड़ी भाजपा दो जिलों पंचकूला व सिरसा में खाता भी नहीं खोल सकी। 



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