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Budget 2023: Govt Should Announce A Separate Tax Deduction Limit For Life Insurance Premiums Paid – Budget 2023: जीवन बीमा के प्रीमियम भुगतान पर आयकर में अलग से मिले छूट, बजाज एलियांज के एमडी ने रखी अपनी बात

बजाज एलियांज लाइफ के एमडी व सीईओ तरुण चुघ।
– फोटो : amarujala.com

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बजाज एलियांज लाइफ के प्रबंध निदेशक और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर तरुण चुघ ने केंद्रीय बजट 2023 में सरकार से की जा रहीं अपेक्षाओं पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि आम बजट बड़े पैमाने पर नागरिकों और राष्ट्र की भलाई के लिए नए सुधारों को अमलीजामा पहनाने का अवसर है। जीवन बीमा क्षेत्र के सहभागी के रूप में हमारी प्रमुख दिलचस्पी हमेशा अधिक से अधिक नागरिकों का बीमा करने और यह सुनिश्चित करने में रही है कि लोगों के पास उपयुक्त कवरेज हो।

चुघ ने कहा, “इस दिशा में हमारी ओर से ओर किए जा रहे समेकित प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा यदि सरकार वर्ष 2023 के आम बजट के दौरान जीवन बीमा के प्रीमियम भुगतान की राशि पर अलग से टैक्स में छूट की सीमा तय करे। उन्होंने कहा कि सरकार से हम यह भी अनुरोध करेंगे कि जीवन बीमा वार्षिकी या पेंशन उत्पादों को एनपीएस के बराबर लाया जाए। ऐसा विशेष रूप से कर कटौती के दृष्टिकोण से किया जाना चाहिए।” तरुण चुघ ने कहा कि हमारा मानना है इससे नागरिकों को रिटायरमेंट के बाद प्रभावी तरीके से नियमित आय की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

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बजाज एलियांज लाइफ के प्रबंध निदेशक और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर तरुण चुघ ने केंद्रीय बजट 2023 में सरकार से की जा रहीं अपेक्षाओं पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि आम बजट बड़े पैमाने पर नागरिकों और राष्ट्र की भलाई के लिए नए सुधारों को अमलीजामा पहनाने का अवसर है। जीवन बीमा क्षेत्र के सहभागी के रूप में हमारी प्रमुख दिलचस्पी हमेशा अधिक से अधिक नागरिकों का बीमा करने और यह सुनिश्चित करने में रही है कि लोगों के पास उपयुक्त कवरेज हो।

चुघ ने कहा, “इस दिशा में हमारी ओर से ओर किए जा रहे समेकित प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा यदि सरकार वर्ष 2023 के आम बजट के दौरान जीवन बीमा के प्रीमियम भुगतान की राशि पर अलग से टैक्स में छूट की सीमा तय करे। उन्होंने कहा कि सरकार से हम यह भी अनुरोध करेंगे कि जीवन बीमा वार्षिकी या पेंशन उत्पादों को एनपीएस के बराबर लाया जाए। ऐसा विशेष रूप से कर कटौती के दृष्टिकोण से किया जाना चाहिए।” तरुण चुघ ने कहा कि हमारा मानना है इससे नागरिकों को रिटायरमेंट के बाद प्रभावी तरीके से नियमित आय की योजना बनाने में मदद मिलेगी।




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