Canadian Prime Minister Justin Trudeau Who Called The Terrorist A Canadian Citizen Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar

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Canada India Tension: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पहले भी भारत विरोधी खालिस्तान समर्थकों का साथ दे चुके हैं. उनका खालिस्तान समर्थकों के लिए प्रेम अब जगजाहिर हो चुका है. वे भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए पहले भी नरम रुख दिखा चुके हैं. दरअसल, हम आज आपको ऐसे पांच मामलों के बारे में बताएंगे जब ट्रूडो सरकार ने खालिस्तानी समर्थकों के लिए सहानभूति दिखाया है. साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों को जायज ठहराया है. 

पांच मौके, जब ट्रूडो ने भारत विरोधी गतिविधियों को सही ठहराया है.

खालिस्तानी आतंकी निज्जर को बताया कनाडाई नागरिक 

1- मंगलवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जून में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को “कनाडाई नागरिक” बताया.  उन्होंने भारत सरकार और निज्जर की मौत के बीच संभावित कनेक्शन का आरोप लगाया. ओटावा में हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए ट्रूडो ने कहा, “कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां ​​भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. 

भारत विरोधी जनमत संग्रह पर साधी चुप्पी 

2- यह बात जगजाहिर हो चुका है कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों को पनाह दे रहा है. ऐसे में भारत विरोधी गतिविधियां तेजी से फल-फूल रहीं हैं. ऐसे में कडाना में आये दिन जनमत संग्रह होते रहते हैं. अभी हाल ही में, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा सरे में गुरु नानक सिंह गुरुद्वारा में जनमत संग्रह आयोजित किया गया था. जिसपर कनाडाई प्रधानमंत्री ने कोई टिप्पड़ी नहीं की. 

खास बात यह है कि यह 10 सितंबर को हुआ, उसी दिन जब ट्रूडो ने पीएम मोदी से खालिस्तानी मुद्दे पर बात की थी. बैठक के बाद ट्रूडो ने अपने देश में खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन के बारे में बोलते हुए कहा, ‘कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा.’

इंदिरा गांधी के अपमान पर रहे चुप 

3-कनाडा में इससे पहले भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपमानित करने की नियत से झांकी निकाली जा चुकी है. दरअसल, 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर इंदिरा गांधी की हत्या वाले सीन की झांकी निकाली गई थी. इसपर भी ट्रूडो ने चुप्पी साध ली थी. जब इसे लेकर उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ वाली बात दोहराई थी.

भारतीय राजनयिकों को दी गई धमकी पर भी रहे मौन 

4- कनाडा में कुछ दिनों पहले ही खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय राजनयिकों को धमकी देते हुए पोस्टर लगाया था. लेकिन इसे भी ट्रूडो सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया.उस समय भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत सरकार ने कनाडा सरकार से खालिस्तानी समूहों को जगह नहीं देने को कहा है. खालिस्तानी समर्थकों द्वारा बांटे गए पर्चे में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा, वैंकूवर के कॉन्सुल जनरल मनीष, टोरंटो के कॉन्सुल जनरल अपूर्व श्रीवास्तव के नाम शामिल थे, जिसमें दावा किया गया है कि हरदीप निज्जर की हत्या के लिए भारत जिम्मेदार है.

ट्रूडो की भारत यात्रा पर खालिस्तानी आतंकी को न्योता

5- इससे पहले, जब साल 2018 में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत की आधिकारिक यात्रा पर आये थे तब रिपोर्टें सामने आईं कि दोषी पूर्व खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल को दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग में उनके लिए आयोजित रात्रिभोज में आमंत्रित किया गया था. मुंबई में एक कार्यक्रम से ट्रूडो की पूर्व पत्नी सोफी (जिनके साथ वह उस समय भी थे) की जसपाल अटवाल के साथ तस्वीरें भी वायरल हुई थीं. जस्टिन ट्रूडो ने इसके लिए कनाडा के एक सांसद को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अटवाल को कभी भी निमंत्रण नहीं मिलना चाहिए था.

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