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Center Power Row: Central Government Fresh Plea In Supreme Court In Delhi Vs Center Case – Centre Power Row: दिल्ली बनाम केंद्र मामले में नई याचिका दायर, बड़ी बेंच के समक्ष सुनवाई की मांग

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सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : Social Media

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प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण वाले केंद्र बनाम दिल्ली सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की गई है। यह याचिका केंद्र सरकार की ओर से दायर हुई है, जिसमें इस मामले को बड़ी बेंच के समक्ष संदर्भित करने की मांग की गई है। 

वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र की याचिका का विरोध किया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष उन्होंने कहा कि नई याचिका से केवल देरी होगी और इस तरह अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा कोई तथ्य नहीं हैं जिनका खंडन किया जा सके। मैंने एक अंतरिम आवेदन दायर किया है जिसमें कहा गया है कि इस मामले को एक बड़ी बेंच के समक्ष संदर्भित किया जा सकता है।

केंद्र की मांग आदेश की समीक्षा जैसी
इस मामले में दिल्ली सरकार की ओर से अधिवक्ता सिंघवी ने कहा, केंद्र की नइ्र याचिका शीर्ष अदालत के उस आदेश की समीक्षा की मांग जैसी है, जिसमें कहा गया था कि इस मामले को एक बड़ी बेंच में भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पार्टियों के बीच एकमात्र मुद्दा दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण का है। सीजेआई ने मामले पर सुनवाई कतरे हुए कहा कि केंद्र के अंतरिम आवेदन पर तब भी फैसला किया जा सकता है, जब संविधान पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

स्थगित हो सकती है कल होने वाली सुनवाई 
केंद्र बनाम दिल्ली सरकार मामले में कल होने वाली सुनवाई स्थगित हो सकती है। सीजेआई ने बताया कि पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ के एक न्यायाधीश कृष्ण मुरारी बीमार हैं, इस कारण छह दिसंबर को होने वाली सुनवाई स्थगित हो सकती है। 

विस्तार

प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण वाले केंद्र बनाम दिल्ली सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की गई है। यह याचिका केंद्र सरकार की ओर से दायर हुई है, जिसमें इस मामले को बड़ी बेंच के समक्ष संदर्भित करने की मांग की गई है। 


वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र की याचिका का विरोध किया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष उन्होंने कहा कि नई याचिका से केवल देरी होगी और इस तरह अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा कोई तथ्य नहीं हैं जिनका खंडन किया जा सके। मैंने एक अंतरिम आवेदन दायर किया है जिसमें कहा गया है कि इस मामले को एक बड़ी बेंच के समक्ष संदर्भित किया जा सकता है।


केंद्र की मांग आदेश की समीक्षा जैसी

इस मामले में दिल्ली सरकार की ओर से अधिवक्ता सिंघवी ने कहा, केंद्र की नइ्र याचिका शीर्ष अदालत के उस आदेश की समीक्षा की मांग जैसी है, जिसमें कहा गया था कि इस मामले को एक बड़ी बेंच में भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पार्टियों के बीच एकमात्र मुद्दा दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण का है। सीजेआई ने मामले पर सुनवाई कतरे हुए कहा कि केंद्र के अंतरिम आवेदन पर तब भी फैसला किया जा सकता है, जब संविधान पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

स्थगित हो सकती है कल होने वाली सुनवाई 

केंद्र बनाम दिल्ली सरकार मामले में कल होने वाली सुनवाई स्थगित हो सकती है। सीजेआई ने बताया कि पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ के एक न्यायाधीश कृष्ण मुरारी बीमार हैं, इस कारण छह दिसंबर को होने वाली सुनवाई स्थगित हो सकती है। 



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