Chandrayaan 3 Pakistani Reaction Maulvi Asked Pakistani Scientist Did Pandits Take India To The Moon | Viral Video: गुस्से में लाल हुआ पाकिस्तानी मौलवी, कहा

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Pakistani Maulavi On Chandrayaan3: भारत ने चांद पर चंद्रयान-3 भेजा तो पाकिस्तान की जनता ने तरह-तरह के रिएक्शन दिए. कभी किसी ने कहा पाकिस्तान और चांद एक जैसे हैं क्योंकि दोनों जगह बिजली, पानी नहीं है. वहीं किसी ने कहा कि भारत चांद पर पहुंच गया तो क्या जन्नत तो हम ही जाएंगे. इसी क्रम में पाकिस्तान के एक मौलाना ने पाकिस्तानियों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि चांद पर पहुंचने के लिए मौलाना की जरूरत नहीं होती है. 

पाकिस्तान के एक मौलवी इब्तिसाम इलाही जहीर ने कहा, ‘कुछ दिनों पाकिस्तान के सेक्यूलर और लिबिरल माफिया फेसबुक, व्हाट्सएप्प और ट्विटर पर मौलवियों का गालियां दे रहे हैं.’ इसकी वजह बताते हुए मौलवी कहते हैं, ‘क्योंकि भारत चांद पर पहुंच गया है और लोगों का कहना है कि मौलवी इस बहस में उलझे हैं कि किसी के पीछे नमाज करना है या नहीं.’

इब्तिसाम इलाही जहीर नाराज लहजे में मौलवियों पर सवाल उठाने वाले लोगों से कहते हैं, ‘क्या तुझे चांद पर जाने से मौलवी ने रोका है.’

‘पाकिस्तानी वैज्ञानिक एक सूई तक नहीं बना सकते’

पाकिस्तान के साइंस के जानकारों पर निशाना साधते हुए मौलवी कहते हैं,  ‘भारत चांद पर पहुंच गया है और पाकिस्तान का साइंटिस्ट सिर्फ कॉलम लिखता है. भारत चांद पर पहुंच गया और यहां के साइंटिस्ट सारा दिन मौलवियों के खिलाफ बकवास बातें करता है. भारत चांद पर पहुंच गया है और पाकिस्तानी साइंस के जानकार यूनिवर्सिटी में सारा समय नांच-गाने और महफिलों में गुजारते हैं.’

मौलवी इब्तिसाम इलाही जहीर सवालिया लहजे में कहते हैं, ‘चांद पर भारत को क्या पंडितों ने पहुंचाया है, अमेरिका को चांद पर पादरियों ने पहुंचाया है? नहीं, उनके वैज्ञानिकों ने उन्हें चांद पहुंचाया हैं, लेकिन पाकिस्तान के वैज्ञानिक एक सूई तक नहीं बना सकते हैं.’

कौन हैं मौलवी इब्तिसाम इलाही जहीर?

मौलवी इब्तिसाम इलाही जहीर के यूट्यूब चैनल पर दी जानकारी के मुताबिक, वह पाकिस्तान के धार्मिक जानकार हैं. इसके अलावा उन्होंने खुद को राजनेता, वक्ता, पत्रकार और लेखक बताया है.

स्पेस प्रोग्राम में अब तक पाकिस्तान का कैसा रहा है सफर?

पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी को स्पेस एंड अपर अटमॉस्फीयर रिसर्च कमीशन(सुपारको) के नाम से जाना जाता है. इसकी नींव 1961 में रखी गई थी. जबकि इसरो की स्थापना इसके आठ साल बाद 1969 में हुई थी. 1990 में पाकिस्तान ने अपना पहला उपग्रह विकसित किया था, जिसका नाम बद्र-1 था. इसके अलावा पाक-सैट एक्सटेंडेड, पाक-सैट रिप्लेसमेंट जैसी सैटलाइट को भी विकसित किया और अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया. इसके अलावा 1962 में पाकिस्तानी स्पेस एजेंसी ने रहबर-1 सैटेलाइट को लॉन्च किया था. 

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