CJI DY Chandrachud said Courts should keep citizens in mind and simplify the process of litigation अदालतें नागरिकों को ध्यान में रखकर मुकदमेबाजी की प्रक्रिया को सरल बनाएं- CJI डी.वाई. चंद्रचूड़

CJI डी.वाई. चंद्रचूड़
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि, मुकदमेबाजी प्रक्रिया को सरल बनाना और इसे नागरिक केंद्रित बनाना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश के सभी न्यायाधीशों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता हासिल करने पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, हम अदालतों के कामकाज में सुधार के लिए तकनीक अपना रहे हैं।
उन्होंने कहा, भारत में सभी अदालतों के सभी न्यायाधीशों, जिला अदालतों से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक को न्याय, समानता और स्वतंत्रता हासिल करने की संवैधानिक दृष्टि पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अदालतें लोगों तक पहुंचें, यह आवश्यक है कि मुकदमेबाजी की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और नागरिक केंद्रित बनाया जाए।
‘न्यायपालिका में हाशिए के समुदायों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाए’
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि, कानूनी पेशे और न्यायपालिका में हाशिए के समुदायों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा- हमें अपने कार्यों और निर्णयों पर आत्मनिरीक्षण करने और अपने स्वयं के पूर्वाग्रहों और पूर्व धारणाओं पर सवाल उठाने की आवश्यकता है। क्योंकि, जब तक हम अलग-अलग अनुभवों वाले लोगों के बारे में कई तरह के विचारों के लिए अपने दिमाग को नहीं खोलेंगे, तब तक हम न्यायाधीशों के रूप में अपनी भूमिकाओं में कमी महसूस करेंगे।
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उन्होंने कहा कि जिला न्यायपालिका लोगों का न्यायिक प्रणाली से पहला संपर्क है और यह आवश्यक है कि इसे मजबूत और समर्थित किया जाए। जिला न्यायपालिका को अधीनस्थ न्यायपालिका होने की मानसिकता से ऊपर उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधतापूर्ण देश में एक संस्था के रूप में न्यायपालिका के सामने ‘सर्वोच्च चुनौती’ यह सुनिश्चित करना है कि न्याय वितरण प्रणाली सभी के लिए सुलभ हो।
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