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Delhi Travel By Sleeping In Vande Bharat Trains Indian Railway Hindi News – Vande Bharat: वंदे भारत अधिक सुविधाओं से होगी लैस, सोकर भी कर सकेंगे यात्रा, 400 नई ट्रेनें चलाने की योजना

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वंदे भारत एक्सप्रेस
– फोटो : Social Media

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वंदे भारत ट्रेनों में अब सोकर यात्रा की जा सकेगी। साथ ही ये पहले वाली ट्रेनों से ज्यादा अपडेट होंगी। ज्यादा स्पीड के साथ-साथ इनमें यात्रा के दौरान खतरा कम होगा। नए वर्जन की आने वाली ट्रेनों में वाईफाई, ऑटोमेटिक दरवाजे और बायो-वैक्यूम शौचालय की सुविधा होगी। हादसे के दौरान नए वर्जन की ट्रनों में सुरक्षा के अत्याधुनिक इंताजाम होंगे।  

वंदे भारत ट्रेनों की आने वाली नए वर्जन की ट्रेनों के लिए रेलवे 26 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। आगामी तीन साल में रेलवे 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है। हर ट्रेन की लागत 130 करोड़ होगी। पुरानी ट्रनों की तुलना में इसकी लागत 30 करोड़ रुपये अधिक है। नए वर्जन की वंदे भारत ट्रेनों के लिए सीमेंस, भेल, एल्सटाम इंडिया, आरवीएनएल और मेधा ने रुचि दिखाई हैं। हालांकि, अभी रेलवे मंत्रालय को इनके प्रस्तावों पर आखिरी फैसला लेना है। 

आगामी तीन साल में देशभर में 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना सरकार बना रही है। इनमें से पहले चरण में 75 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण पर रेलवे काम कर रहा है। अभी तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में लोग बैठकर ही यात्रा कर सकते है, लेकिन अब सारी ट्रेनें स्लीपर होंगी। इनकी रफ्तार भी पहले वाली ट्रेनों की तुलना में अधिक होगी। नई वंदे भारत ट्रेनों की बोगियों का वजन दो से तीन टन होगा। इन ट्रेनों में आग लगने का खतरा भी कम होगा। साथ ही एक ट्रेन के सामने दूसरी के आने पर हादसे का खतरा भी कम होगा। अपने आप ही ट्रनों के पहिये थम जाएंगे। 

यह भी होगी सुविधा
नई वंदे भारत ट्रेनों में हवा से आने वाले कीटाणु, बैक्टीरिया और अन्य वायरस को दूर रखने के लिए कैटेलिटिक अल्ट्रावॉयलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम लगाया जाएगा। यह सिस्टम नए डिजाइन में वायु शुद्धिकरण के लिए रूफ माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) के तौर पर मिलेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन सीएसआईओ, चंडीगढ़ की सिफारिश पर इस सिस्टम को आरएमपीयू के दोनों सिरों में स्थापित किया गया है। जिससे ताजी हवा और वापस आ रही हवा के माध्यम से आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस युक्त हवा को फिल्टर और साफ किया जा सके। जिससे ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को स्वस्थ माहौल में यात्रा कर सकें।

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वंदे भारत ट्रेनों में अब सोकर यात्रा की जा सकेगी। साथ ही ये पहले वाली ट्रेनों से ज्यादा अपडेट होंगी। ज्यादा स्पीड के साथ-साथ इनमें यात्रा के दौरान खतरा कम होगा। नए वर्जन की आने वाली ट्रेनों में वाईफाई, ऑटोमेटिक दरवाजे और बायो-वैक्यूम शौचालय की सुविधा होगी। हादसे के दौरान नए वर्जन की ट्रनों में सुरक्षा के अत्याधुनिक इंताजाम होंगे।  

वंदे भारत ट्रेनों की आने वाली नए वर्जन की ट्रेनों के लिए रेलवे 26 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। आगामी तीन साल में रेलवे 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है। हर ट्रेन की लागत 130 करोड़ होगी। पुरानी ट्रनों की तुलना में इसकी लागत 30 करोड़ रुपये अधिक है। नए वर्जन की वंदे भारत ट्रेनों के लिए सीमेंस, भेल, एल्सटाम इंडिया, आरवीएनएल और मेधा ने रुचि दिखाई हैं। हालांकि, अभी रेलवे मंत्रालय को इनके प्रस्तावों पर आखिरी फैसला लेना है। 

आगामी तीन साल में देशभर में 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना सरकार बना रही है। इनमें से पहले चरण में 75 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण पर रेलवे काम कर रहा है। अभी तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में लोग बैठकर ही यात्रा कर सकते है, लेकिन अब सारी ट्रेनें स्लीपर होंगी। इनकी रफ्तार भी पहले वाली ट्रेनों की तुलना में अधिक होगी। नई वंदे भारत ट्रेनों की बोगियों का वजन दो से तीन टन होगा। इन ट्रेनों में आग लगने का खतरा भी कम होगा। साथ ही एक ट्रेन के सामने दूसरी के आने पर हादसे का खतरा भी कम होगा। अपने आप ही ट्रनों के पहिये थम जाएंगे। 

यह भी होगी सुविधा

नई वंदे भारत ट्रेनों में हवा से आने वाले कीटाणु, बैक्टीरिया और अन्य वायरस को दूर रखने के लिए कैटेलिटिक अल्ट्रावॉयलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम लगाया जाएगा। यह सिस्टम नए डिजाइन में वायु शुद्धिकरण के लिए रूफ माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) के तौर पर मिलेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन सीएसआईओ, चंडीगढ़ की सिफारिश पर इस सिस्टम को आरएमपीयू के दोनों सिरों में स्थापित किया गया है। जिससे ताजी हवा और वापस आ रही हवा के माध्यम से आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस युक्त हवा को फिल्टर और साफ किया जा सके। जिससे ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को स्वस्थ माहौल में यात्रा कर सकें।



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