Editor’s Pick

Farmer dies during farmers march in Maharashtra, Gavit said, sacrificed for the comrades | पदयात्रा में शामिल बुजुर्ग किसान की मौत, गावित ने कहा- साथियों के लिए दी प्राणों की आहुति

Image Source : INDIA TV
महाराष्ट्र में किसानों की पदयात्रा से काफी हलचल मची है।

ठाणे: महाराष्ट्र के नासिक जिले से हजारों किसानों और आदिवासियों के मुंबई कूच में शामिल 58 साल के एक बुजुर्ग किसान की मौत हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नासिक में डिंडोरी के पास एक गांव के निवासी पुंडलिक अंबो जाधव को बेचैनी की शिकायत के बाद शुक्रवार दोपहर शाहपुर के एक अस्पताल ले जाया गया था। यह किसान नासिक जिले के दिंडोरी तहसील में स्थित मॉउडी नाम के गांव का निवासी था। गुरुवार को माइल्ड स्ट्रोक आने के बाद किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

ठीक होने के बाद फिर बिगड़ गई तबीयत

डॉक्टर ने किसान की जांच कर उन्हें दवाएं दी थीं, जिन्हें खाने के बाद वह ठीक हो गए थे और दोबारा पदयात्रा में शामिल हो गए थे। मृतक किसान पिछले डेढ़ दिन से वाशिंद ईदगाह मैदान में अपने अन्य साथी किसानों के साथ रुके हुए थे। शुक्रवार देर रात उन्हें फिर बेचैनी महसूस होने और उल्टियां होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। किसान के निधन के बाद आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है और उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

पहले दिन से आंदोलन में शामिल थे जाधव
बुजुर्ग किसान की मौत के बाद किसान नेता जेपी गावित ने इंडिया टीवी से कहा कि भले ही लॉन्ग मार्च में चलते हुए उनकी मौत न हुई हो, लेकिन वह पहले दिन से इस आंदोलन में शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘वह नासिक से वाशिंद तक पैदल आए थे। जाधव अन्य किसानों के साथ ईदगाह मैदान रुके हुए थे जहां उनकी तबियत खराब हुई। इसीलिए हम कह सकते हैं कि उन्होंने अपने साथी किसान भाईयों के हक़ की लड़ाई में आहुति दी है।’ बता दें कि बुजुर्ग किसान का बेटा शुक्रवार को वाशिंद ईदगाह मैदान पहुंचा था।

बीमार पिता को वापस भेजने आया था बेटा
किसान के बेटे ने कहा था कि पिता अब बीमार है इसीलिए वह गांव लौटेंगे और उनकी जगह वह आंदोलन में हिस्सा लेगा, लेकिन गांव लौटने के पहले ही वह चल बसे। बता दें कि 13 मार्च को 10 हजार से ज्यादा किसान नासिक के दिंडोरी तहसील से मुंबई के लिए निकले थे। अब तक ये किसान करीब 100 किलोमीटर तक पैदल चल चुके हैं। इस दौरान करीब 250 से ज्यादा किसानों के पैरों में चोट आयी है जबकि कुछ डिहाइड्रेशन का शिकार भी हुए हैं।

किसानों के साथ चलती रहती है एंबुलेंस
किसानों के इस पैदल मार्च के दौरान लगातार एक एंबुलेंस भी साथ चलती थी। मार्च के दौरान जो भी किसान चोटिल होते थे उन्हे फौरन इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराया जाता था। फिलहाल जिस वाशिंद ईदगाह मैदान में इतने किसान रुके हुए हैं, वहां भी एंबुलेंस तैनात है। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार अपने आश्वासन को जमीन पर लागू नहीं करती है तब तक वह वाशिंद मैदान में ही डटे रहेंगे।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें महाराष्ट्र सेक्‍शन




Source link

Related Articles

Back to top button