G20 Summit 2023 Delhi Why Pakistan Not Part Of G20 Group Reasons

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G20 Summit India: भारत में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी टकटकी लगाकर देख रहा है कि किस तरह भारत दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस से लेकर अफ्रीकी देशों तक के नेताओं की मेजबानी भारत कर रहा है. इसे देखकर कहीं न कहीं पाकिस्तान को जलन जरूर हो रही होगी. पाकिस्तान को कभी भी इस तरह के बड़े आयोजन की जिम्मेदारी नहीं मिली है. 

हालांकि, ऐसे में एक सवाल ये उठ रहा है कि पाकिस्तान आबादी के लिहाज से पांचवां सबसे बड़ा है. देश की आबादी 24 करोड़ के आसपास है. जमीन के लिहाज से ये दुनिया का 33वां सबसे बड़ा मुल्क है. वहीं, पड़ोसी मुल्क दुनिया के उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है, जिनके पास परमाणु हथियार हैं. हालांकि, इन सब चीजों के बाद भी पाकिस्तान जी20 देशों के ग्रुप में नहीं है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर पाकिस्तान जी20 ग्रुप में क्यों शामिल नहीं है. 

जी20 क्या है? 

पाकिस्तान के जी20 में शामिल नहीं होने के सवाल का जवाब जानने से पहले आइए समझते हैं कि आखिर जी20 क्या है. जी20 को ‘ग्रुप ऑफ ट्वेंटी’ के तौर पर जाना जाता है. नाम से ही साफ है कि ये 20 देशों का एक ग्रुप है. जी20 में शामिल देश दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं. इस ग्रुप की स्थापना 1999 में की गई थी. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है. ये सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों को आकार देने और उन्हें मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है. 1999 में इसकी नींव पड़ने की एक वजह भी है.

दरअसल, 1999 में एशिया को आर्थिक संकट से जूझना पड़ा, जिसके बाद कई देशों को वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने साथ मिलकर एक फोरम बनाने का प्लान तैायर किया. इस फोरम में आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने की बात हुई. जब 2008 में आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ा तो, इसे वित्त मंत्रियों के लेवल से उठाकर राष्ट्रध्यक्षों के लेवल का किया. इस तरह जी20 की बैठक में अब सदस्य देशों के राष्ट्रध्यक्ष हिस्सा लेते हैं. इस ग्रुप में अर्थव्यवस्था के मुद्दों के अलावा पर्यावरण, ऊर्जा, कृषि और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होती है. 

पाकिस्तान जी20 का हिस्सा क्यों नहीं है? 

जी20 की जब स्थापना की गई तो इसमें उन देशों को शामिल किया गया, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं थीं. उस वक्त तक पाकिस्तान दुनिया की टॉप अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भी नहीं था. आगे चलकर पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई, जिसकी वजह से जी20 में शामिल होने का इसका सपना टूटने लगा. वर्तमान में सिर्फ अर्थव्यवस्था ही पाकिस्तान के लिए चुनौती नहीं है, बल्कि राजनीतिक अस्थिरता, मानवाधिकार हनन और आतंकवाद भी उसे जी20 में शामिल होने से रोकते हैं. 

अगर सिर्फ अर्थव्यवस्था की बात करें, तो पाकिस्तान दुनिया की 42वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. ऐसे में अभी इसे काफी लंबा सफर तय करना है. हैरानी वाली बात ये है कि बांग्लादेश, वियतनाम, नाइजीरिया, ईरान जैसे मुल्क भी पाकिस्तान से अर्थव्यवस्था के मामले में आगे खड़े हैं. जी20 आर्थिक मुद्दों के अलावा वैश्विक शांति पर भी बात करता है. दुनिया इस बात से वाकिफ है कि पाकिस्तान किस तरह से आतंक को पालता-पोसता है. यही वजह है कि उसके लिए इसमें शामिल होना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. 

क्या कभी जी20 में शामिल हो सकता है पाकिस्तान? 

पाकिस्तान के पास वो सबकुछ है, जो किसी देश को आगे बढ़ने के लिए जरूरी है. पड़ोसी मुल्क की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी युवा है, देश में खनिज संपदा का बड़ा भंडार है और खुद के लिए अनाज उगाने वास्ते कृषि योग्य भूमि है. यही वजह है कि देश के हुक्मरानों ने कुछ साल पहले ऐलान किया था कि वह 2030 तक पाकिस्तान को दुनिया की 20वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करेंगे. हालांकि, अभी सफर काफी लंबा है. अगर कभी पाकिस्तान इस मुकाम तक पहुंच गया, तो शायद उसके लिए जी20 के रास्ते खुल जाएं. 

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