G20 Summit 2023 India Chinese Media Over India Vs Bharat Debate Global Times Big Advice Over G20 Summit

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G20 Summit 2023 in Delhi: भारत के जी 20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के लिए तैयार किए गए डिनर इनविटेशन कार्ड पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया था. इसके बाद से पूरे देश में ये चर्चा का विषय बन गया कि क्या भारत सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत रखना चाहता है. हालांकि, इसको लेकर सरकार ने स्पष्ट रूप से इस तरह के मुद्दे से बचने की सलाह दी है.

वहीं भारत बनाम इंडिया के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोर रहा है. इसी विवाद में अब देश का पड़ोसी मुल्क चीन भी कूद पड़ा है. चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार (7 सितंबर) को एक आर्टिकल पब्लिश किया, जिसमें उन्होंने भारत बनाम इंडिया के मुद्दे के बजाय अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी.

भारत को दे डाली सलाह
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जी20 शिखर सम्मेलन के तरफ इशारा करते हुए लिखा कि ये इंडिया है या भारत? देश को अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार, खुलेपन का विस्तार और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के जी 20 की अध्यक्षता का इस्तेमाल करना चाहिए. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक्स  (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ये (जी20 शिखर सम्मेलन) सब इसका नाम बदलने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.”

उन्होंने भारत को सलाह देते हुए आगे लिखा कि उन्हें जी 20 के जरिए कई तरह के उपायों को धीरे-धीरे लागू करना चाहिए. इस तरह के काम देश का नाम बदलने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.

भारत और इंडिया के मुद्दे को तूल बनाकर पेश किया
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस बात को स्वीकार करते हुए लिखा कि आज के वक्त में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने भारत और इंडिया के मुद्दे को तूल बनाकर पेश किया. उन्होंने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि भारत ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन इससे कोई अंतर नहीं पड़ने वाला, जब तक भारत जी 20 अध्यक्षता का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं कर पाएगा.

मोदी प्रशासन महत्वाकांक्षी सरकारों में से एक
ग्लोबल टाइम्स ने आर्टिकल में लिखा कि इस साल मोदी प्रशासन 1991 के बाद से आर्थिक सुधारों के मामले में सबसे महत्वाकांक्षी सरकारों में से एक रहा है. आपको बता दें कि साल 1991 में भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए बड़े सुधार शुरू किए थे.

उन्होंने भारत के मार्केट पर बात करते हुए लिखा कि दुनिया के लिए अपने बाज़ारों को पूरी तरह से खोलने में भारत झिझकता है, लेकिन 1947 के बाद का इतिहास हमें बताता है कि हर बार जब भी भारत ने सुधार और आर्थिक उदारीकरण को बढ़ावा दिया है तब वो आर्थिक विकास को मजबूत गति देने में सफल हुआ है. उन्होंने इस तरह से भारत से इशारों-इशारों में चीनी कंपनियों के लिए मार्केट खोलने की बात भी कही है.

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