Green Card Backlog One Lakh Indian Children Parents Sepration Risk Reason

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US Green Card Delay: अमेरिका में एक लाख भारतीय बच्चों को अपने माता-पिता से अलग होना पड़ सकता है. इसकी वजह ग्रीन कार्ड दिए जाने के प्रोसेस में देरी होना है. ग्रीन कार्ड का प्रोसेस लंबा और सुस्त है. रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए 10.7 लाख भारतीय कतार में खड़े हैं. ग्रीन कार्ड के जरिए अमेरिका में स्थायी निवास का वैध अधिकार मिलता है. यही वजह है कि अमेरिका जाने वाले भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड हासिल करना सबसे बड़ी प्राथमिकता रहती है. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीन कार्ड के मामले बहुत ही ज्यादा संख्या में पेंडिंग पड़े हुए हैं. ऊपर से हर देश के लिए सिर्फ 7 फीसदी का कोटा है, यानी आवेदन करने वाले हर देश के सिर्फ 7 फीसदी लोगों को ही ग्रीन कार्ड दिया जाएगा. अगर सभी पेंडिंग मामलों को अभी भी रफ्तार से पूरा किया जाए, तो इस प्रोसेस को खत्म होने में 135 साल का वक्त लग जाएगा. ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करने में भारतीय, चीन और फिलीपींस जैसे देशों के नागरिक सबसे आगे हैं. 

क्यों मंडराया बच्चों के पैरेंट्स से बिछड़ने का खतरा?

अमेरिका के वीजा नियमों के मुताबिक, अगर किसी पैरेंट्स के पास ग्रीन कार्ड नहीं है, मगर वह अमेरिका में नौकरी कर रहा है, तो उसे अपने बच्चों के साथ रहने का अधिकार है. भारत के ज्यादातर लोग एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका जाते हैं, जो हाई स्किल वाले वर्कर्स को मिलता है. एच-1बी वीजा वाले भारतीयों को एच-4 वीजा के आधार पर अपने बच्चों और उन पर निर्भर लोगों जैसे पत्नी या माता-पिता को अमेरिका में रखने का अधिकार मिलता है. 

हालांकि, बच्चे की उम्र 21 साल से ज्यादा हो जाती है, तो फिर वह एच-4 वीजा सिस्टम के आधार पर अमेरिका में नहीं रह सकता है. यही वजह है कि एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका गए भारतीय ग्रीन कार्ड हासिल करना चाहते हैं, ताकि उन्हें अपने परिवार के साथ रहने का मौका मिले. हालांकि, ग्रीन कार्ड का प्रोसेस पूरा होने तक एच-4 वीजा के तहत अमेरिका में रह रहे 1.34 लाख भारतीय बच्चों की उम्र 21 साल से ज्यादा हो जाएगी और उन्हें देश छोड़ना होगा.

अगर ऐसा होता है तो बच्चों को जबरदस्ती अपने परिवार और पैरेंट्स से अलग होना पड़ेगा. इसकी वजह ये है कि माता-पिता के पास तो नौकरी के लिए मिले एच-1बी वीजा के तहत अमेरिका में रहने का अधिकार होगा. मगर बच्चों के वीजा एक्सपायर हो जाएंगे. ऐसे हालात में उन्हें या तो वापस भारत लौटना पड़ेगा या फिर किसी दूसरे देश में रहने के लिए जाना पड़ेगा. 

क्या है बच्चों के पास ऑप्शन?

हालांकि, अपने पैरेंट्स से बिछड़ने वाले बच्चों के पास अमेरिका में रहने का ऑप्शन भी है. वे अगर चाहें, तो एफ-1 या स्टूडेंट वीजा हासिल कर अमेरिका में रह सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें यूनिवर्सिटी की लाखों रुपये की फीस भरने पड़ेगी. भले ही उन्हें अमेरिका में रहकर पढ़ने का मौका मिल जाए, मगर उनके लिए ‘इंप्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट’ (EAD) हासिल करना मुश्किल होगा. अगर उन्हें पढ़ाई के बाद EAD मिल जाता है, तो वह अमेरिका में लंबे समय तक रुक पाएंगे. 

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