Gujarat Election 2022: Nota’s Previous Trends In Gujarat And Its History – Gujarat Election: 2017 के चुनाव में 30 सीटों पर Nota ने बिगाड़ा था खेल, किसे हुआ था इसका फायदा और किसे नुकसान?
गुजरात में चुनाव प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है। पहले चरण के मतदान के लिए अब महज पांच दिन रह गए हैं। एक दिसंबर को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव में भी मतदाता के पास नोटा का इस्तेमाल करने का विकल्प होगा। 2017 की बात करें तो उस चुनाव में नोटा ने राज्य की 182 सीटों में से 30 सीटों पर जीत हार का गणित बिगाड़ दिया था। आइये जानते हैं इन 30 सीटें के बारे में कौन सी किस पार्टी को मिली? किन सीटों पर जीत हार का अंतर एक हजार भी नहीं पहुंचा और नोटा पर हजारों में वोट पड़े? वो कौन सी सीटें थीं जहां के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल किया? साथ ही जानते हैं नोटा के इस्तेमाल की कहानी भी…
2017 में कितनी सीटें ऐसी जहां जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले?
पिछले चुनाव में 30 विधानसभा सीटों ऐसी थीं, जिनमें जीत-हार का अंतर नोटा को मिले वोटों से कम था। इसमें से 16 सीटों पर भाजपा, 12 सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी। सात सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का अंतर एक हजार से भी कम रहा था। इन सभी सीटों पर नोटा पर पड़े वोट हजार से ज्यादा थे। तीन सीटों पर पर तो तीन हजार से ज्याद लोगों ने नोटा पर वोट डाला था। नौ सीटों पर जीत-हार का अंतर एक हजार से दो हजार के बीच था। इनमें से आठ सीटों पर जीत-हार का अंतर नोटा पर पड़े वोट से कम था। वहीं, 11 सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का अंतर दो से तीन हजार के बीच था। इन सभी सीटों पर नोटा पर पड़े वोट जीत हार के अंतर से ज्यादा थे।
वहीं, छह सीटों जीत हार का अंतर तीन से चार हजार के बीच था। इनमें से तीन सीटों पर जीत-हार का अंतर उन सीटों पर नोटा पर पड़े वोट से कम था। मोरवा हडफ सीट पर निर्दलीय भूपेंद्रसिंह खांत 4,366 वोट से जीते थे। उन्होंने भाजपा के विक्रमसिंह डिंडोर को हराया था। मोरवा हडफ सीट पर नोटा पर 4,962 वोट पड़े। यानी, अगर नोटा पर पड़े वोट भाजपा को उम्मीदवार को मिलते तो नतीजा बदल जाता।
किन सीटों पर सबसे ज्यादा मतदाताओं ने नोटा पर डाला वोट?
दंता: बनासकांठा जिले की दंता विधानसभा सीट ऐसी थी जहां के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल किया। 2017 में इस सीट के 6,461 मतदाताओं ने नोटा पर वोट डाला था। दंता से कांग्रेस के कांतिभाई खराड़ी 24 हजार से ज्यादा वोट से जीते थे।
जेतपुर: जिन सीटों पर सबसे ज्यादा नोटा पर वोट पड़े उनमें दूसरे नंबर पर जेतपुर सीट थी। यहां के 6,155 मतदाताओं ने नोटा पर वोट डाला था। इस सीट से कांग्रेस के सुखराम भाई रठावा 3,052 वोट से जीते थे। उनकी जीत का अंतर नोटा को मिले वोट से कम था।
हलोल: पंचमहल जिले हलोल सीट पर भी नोटा का जमकर इस्तेमाल हुआ था। यहां के 6,052 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था। हालांकि, नोटा का असर जीत-हार पर नहीं पड़ा था। यहां से भाजपा के जयद्रथ सिंह परमार ने कांग्रे के उदे सिंह राणा को 57 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
कब से शुरू हुआ नोटा का इस्तेमाल?
भारत में नोटा का इतिहास एक दशक भी पुराना नहीं है। दरअसल, 27 सितंबर 2013 को, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ईवीएम मशीनों में एक बटन प्रदान करने का आदेश दिया था। आदेश के माध्यम से कोर्ट ने कहा था कि चुनावों में “उपरोक्त में से कोई नहीं” वोट डालने का अधिकार लागू होना चाहिए।
आदेश के पालन में चुनाव आयोग ने वोटरों को NOTA का प्रयोग करने की अनुमति देने के लिए ‘NOTA’ विकल्प के लिए एक विशेष चिह्न पेश किया। यह चिह्न सभी ईवीएम के अंतिम पैनल में दिखाई देता है। पहली बार इसका प्रयोग 2013 में नवंबर दिसंबर में हुए पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम एवं दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हुआ। हालांकि, नोटा पर सबसे ज्यादा वोट पड़ने पर भी दूसरे नंबर पर रहने वाला उम्मीदवार जीता हुआ माना जाता है। यानी, नोटा प्रत्याशियों की जीत पर असर नहीं डालता। वो तीस सीटें जहां जीत-हार का अंतर नोटा से भी कम रहा
विधानसभा
कौन जीता
कितने वोट से जीत
नोटा को मिले वोट
कपराडा
कांग्रेस
170
3868
गोधरा
भाजपा
258
3050
ढोलका
भाजपा
327
2347
मनसा
कांग्रेस
524
3000
डांग
कांग्रेस
768
2184
बोटाड
भाजपा
906
1334
देवदार
कांग्रेस
972
2988
छोटा उदेपुर
कांग्रेस
1,093
5870
विजापुर
भाजपा
1,164
1280
वांकानेर
कांग्रेस
1,361
3170
मोडासा
कांग्रेस
1,640
3681
हिम्मतनगर
भाजपा
1,712
3334
तलजा
कांग्रेस
1,779
2918
पोरबंदर
भाजपा
1,855
3433
उमरेठ
भाजपा
1,883
3710
धनेरा
कांग्रेस
2,093
2341
राजकोट ग्रामीण
भाजपा
2,179
2559
खंभात
भाजपा
2,318
2731
सोजित्रा
कांग्रेस
2,388
3112
मातर
भाजपा
2,406
4090
जामजोधपुर
कांग्रेस
2,518
3214
प्रांतिज
भाजपा
2,551
2907
वागरा
भाजपा
2,628
2807
फतेपुरा
भाजपा
2,711
4573
दभोई
भाजपा
2,839
3046
विसनगर
भाजपा
2,869
2992
जेतपुर
कांग्रेस
3,052
6155
लूनावाडा
निर्दलीय
3,200
3419
दसाडा
कांग्रेस
3,728
3796
मोरवा हदफ
निर्दलीय
4,366
4962
विस्तार
गुजरात में चुनाव प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है। पहले चरण के मतदान के लिए अब महज पांच दिन रह गए हैं। एक दिसंबर को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव में भी मतदाता के पास नोटा का इस्तेमाल करने का विकल्प होगा। 2017 की बात करें तो उस चुनाव में नोटा ने राज्य की 182 सीटों में से 30 सीटों पर जीत हार का गणित बिगाड़ दिया था।
आइये जानते हैं इन 30 सीटें के बारे में कौन सी किस पार्टी को मिली? किन सीटों पर जीत हार का अंतर एक हजार भी नहीं पहुंचा और नोटा पर हजारों में वोट पड़े? वो कौन सी सीटें थीं जहां के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल किया? साथ ही जानते हैं नोटा के इस्तेमाल की कहानी भी…