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Gujarat Election: Equation Of Saurashtra-kutch And South Gujarat, Will Bjp Win Or Aap And Congress? – Gujarat Election: ऐसे हैं सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात के समीकरण, Bjp मारेगी बाजी या बदलेगी गुजरात की हवा?

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022
– फोटो : अमर उजाला

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एक दिसंबर को गुजरात की 89 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण की ये विधानसभा सीटें सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों में पड़ती हैं। पहले चरण के मतदान के लिए भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित 39 राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कई ने निर्दलीय भी मैदान में ताल ठोकी है। इस तरह से कुल 89 सीटों की इस जंग में 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। 
 
सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात में पड़ने वाली इन 89 सीटों को लेकर राजनीतिक दलों में खींचतान तेज है। इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन इलाकों में मौजूदा समीकरण क्या हैं? भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में से कौन कितना मजबूत है? आइए समझते हैं…
 
पहले तीनों क्षेत्रों को समझ लीजिए
182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में आमतौर पर मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है। इस बार आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत होती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी। छह सीटें निर्दलीय और अन्य के खाते में गई थीं।
 
अब अगर क्षेत्रवार परिणाम देखें तो मध्य गुजरात में 61, सौराष्ट्र एवं कच्छ में 54, उत्तर गुजरात में 32 और दक्षिण गुजरात में 35 सीटें आती हैं। पिछली बार मध्य गुजरात की 61 में से 37 सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं। कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं। वहीं, अन्य के खाते में दो सीटें गई थीं। यानी, मध्य गुजरात में भाजपा को बड़ी बढ़त मिली थी। कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर था। कांग्रेस इस इलाके की 54 में से 30 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। वहीं, भाजपा के खाते में 23 सीटें गई थीं। एक सीट अन्य के खाते में गई। 
 
उत्तर गुजरात में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। इस इलाके की 32 में से 17 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी। वहीं, 14 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। एक सीट पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी जीते थे। दक्षिण गुजरात में भाजपा ने एकतरफा जीत दर्ज की थी। इस इलाके की 35 सीटों में से 25 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। आठ सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी। बकी दो सीटों पर अन्य का कब्जा था। 
 
एक दिसंबर को किन-किन जिलों में होने हैं चुनाव? 
पहले चरण में 19 जिलों की 89 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जिन जिलों में पहले चरण में मतदान होगा उनमें कच्छ, सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग्स, नवसारी, और वलसाड जिले शामिल हैं। यानी, पहले चरण में सौराष्ट्र कच्छ और दक्षिण गुजरात में चुनाव पूरा हो जाएगा। 
 
 
2017 में क्या हुआ था? 
2017 चुनाव में अमरेली, नर्मदा, डांग्स, तापी, अरावली, मोरबी और गिर सोमनाथ में भारतीय जनता पार्टी का एक भी खाता नहीं खुल पाया था। अमरेली में कुल पांच, गिर सोमनाथ में चार, अरावली और मोरबी में तीन-तीन, नर्मदा और तापी में दो-दो और डांग्स में एक सीट है। इन सभी जगह कांग्रेस को जीत मिली थी। वहीं, पोरबंदर में कांग्रेस दोनों सीटें हार गई थी। 
 

जिले   कुल सीटें   भाजपा कांग्रेस अन्य
कच्छ 06 04   02 00
सुरेंद्रनगर 05 01 04 00
मोरबी 03 00 03 00
राजकोट 08 06 02 00
जामनगर 05 02 03 00
देवभूमि द्वारका 02 01 01 00
पोरबंदर 02 02   00 01
जूनागढ़ 05 01 04 00
गिर सोमनाथ 04 00   04 00
अमरेली 05 00 05 00
भावनगर 07 06 01 00
बोटाद 02 01 01   00
नर्मदा   02 00 01 01
भरूच 05 03 01 01
सूरत 16   15 01   00
तापी 02 00  02   00
डांग्स 01 00 01 00
नवसारी 04 03 01 00
वलसाड 05 04 01 00

 
इस बार क्या बन रहे समीकरण? 
इसे समझने के लिए हमने गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार वीरांग भट्ट से बात की। उन्होंने कहा, ‘गुजरात चुनाव में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं। शुरुआत में आम आदमी पार्टी ने पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार शुरू किया था। हालांकि, अब उसका फोकस दिल्ली में एमसीडी चुनाव की ओर ज्यादा दिख रहा है। हालांकि, बावजूद इसके आम आदमी पार्टी का असर चुनाव में देखने को मिलेगा। वहीं, कांग्रेस ने शुरुआत में धीमी गति से प्रचार शुरू किया था, जो अब चरम तक पहुंचने लगा है। ‘
 
भट्ट के अनुसार, गुजरात में पाटिदारों की संख्या अच्छी है। सौराष्ट्र में किसी भी उम्मीदवार की जीत और हार का फैसला इन्हीं वोटर्स के हाथ में होता है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग की संख्या भी काफी अधिक है। ये किसी का भी सियासी खेल बिगाड़ सकते हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को यहां बढ़त मिली थी। हालांकि, पिछले चुनाव में सौराष्ट्र इलाके से जीते कांग्रेस के कई विधायकों ने भाजपा का दामन पकड़ लिया है। जिन विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा है, उनमें मोरबी से बृजेश मेरजा, लिंबडी से सोमा पटेल, विसावदार से हर्षद रिबदिया, ध्रांगधरा से परसोतम सबरिया, जसदान से कुंवरजी बावलिया, जामनगर से वल्लभ धाराविया, मानवदार से जवाहर चावड़ा, तलाला से भगवान बरद, धारी से जेवी काकड़िया और गढ़डा से प्रवीण मारू शामिल हैं। इसका असर भी इस बार देखने को मिल सकता है। आम आदमी पार्टी भी इस इलाके में सबसे ज्यादा जोर लगा रही है।  
 
भट्ट कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने भी शहरी इलाकों पर ज्यादा फोकस किया है। खासतौर पर सूरत की तरफ, जहां भाजपा की पकड़ मजबूत है। इसके अलावा सौराष्ट्र और कच्छ में भी काफी कोशिश की है। इसका असर भी चुनाव में देखने को मिल सकता है।

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एक दिसंबर को गुजरात की 89 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण की ये विधानसभा सीटें सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों में पड़ती हैं। पहले चरण के मतदान के लिए भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित 39 राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कई ने निर्दलीय भी मैदान में ताल ठोकी है। इस तरह से कुल 89 सीटों की इस जंग में 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। 

 

सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात में पड़ने वाली इन 89 सीटों को लेकर राजनीतिक दलों में खींचतान तेज है। इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन इलाकों में मौजूदा समीकरण क्या हैं? भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में से कौन कितना मजबूत है? आइए समझते हैं…

 




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