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Gujarat Election Result: What Was Aap’s Strategy Behind Those Three Claims Of Kejriwal, Which Failed Miserably – Gujarat Election Result: केजरीवाल के वो तीन दावे, जो बुरी तरह फेल हुए, इसके पीछे क्या थी Aap की रणनीति?

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार सभी को हैरान कर दिया। भाजपा लगातार 7वीं बार जीतने में सफल रही। इस बार की जीत के साथ भाजपा ने कई रिकॉर्ड ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जो गुजरात के इतिहास में अब तक नहीं बने। भाजपा को इस चुनाव में 156 सीटों पर जीत मिली। भाजपा की आंधी में पूरा विपक्ष साफ हो गया। कांग्रेस 77 सीटों से सीधे 17 पर सिमट गई। सरकार बनाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की स्थिति भी काफी खराब रही। आप के केवल पांच प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए।

आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव को लेकर कई बड़े दावे किए थे। अलग-अलग टीवी चैनलों के कार्यक्रम में जाकर उन्होंने कुछ दावे लिखकर दिए थे। केजरीवाल के लिखे सभी दावे फेल हो गए। आइए जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने क्या-क्या दावे किए थे? आखिर इन दावों के पीछे केजरीवाल की क्या रणनीति थी? अब इन दावों पर किस तरह की प्रतिक्रिया हो रही है?

 

पहले उन लिखित दावों को जान लेते हैं, जो गुजरात चुनाव से पहले केजरीवाल ने किए थे

1. कांग्रेस को पांच से भी कम सीटें मिलेंगी:

टीवी चैनलों पर केजरीवाल ने पहला लिखित दावा कांग्रेस की सीटों को लेकर किया था। उनका ये दावा गुजरात चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले आया। इसमें उन्होंने टीवी चैनलों के मंच पर लिखकर दिया कि इस बार गुजरात चुनाव में कांग्रेस को पांच से भी कम सीटें मिलेंगी। केजरीवाल का ये दावा गलत निकला। इस बार चुनाव में कांग्रेस के 17 प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुए। 2017 के मुकाबले इसमें 60 सीटों की कमी जरूर आई, लेकिन इतनी भी नहीं कि केजरीवाल का दावा सही निकल जाए। 

 

2. आप के तीनों दिग्गज नेता भारी मार्जिन से चुनाव जीतेंगे: केजरीवाल ने दूसरा बड़ा दावा किया कि उनके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी, आप प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और आप के दिग्गज नेता अल्पेश कथीरिया भारी मार्जिन से चुनाव जीत रहे हैं। 

केजरीवाल ने इसे भी एक कागज पर लिखकर सार्वजनिक तौर पर दावा किया था। केजरीवाल का ये दावा भी फेल हो गया। इसुदान गढ़वी खंभालिया सीट से चुनाव लड़े। उन्हें भाजपा उम्मीदवार मूलुभाई बेरा ने 18 हजार से भी ज्यादा मतों से हरा दिया। इसी तरह कतारगाम सीट से आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी बुरी तरह से चुनाव हार गए। इटालिया को भाजपा के प्रत्याशी विनोदभाई मोरडिया ने 64 हजार से भी ज्यादा मतों से चुनाव हराया। तीसरे नेता अल्पेश कथीरिया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कथीरिया की जीत का भी केजरीवाल ने दावा किया था, लेकिन उन्हें भाजपा प्रत्याशी किशोरभाई कानाणी ने 16 हजार से भी ज्यादा मतों से हराया। 

 

3. आप की सरकार बनेगी: केजरीवाल का ये तीसरा बड़ा दावा था। इसमें उन्होंने सार्वजनिक मंच से एक सादे पेज पर लिखकर दिया कि इस बार गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है। केजरीवाल ने तो यहां तक दावा कर दिया कि आईबी की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र हुआ है। यही कारण है कि भाजपा परेशान हो रही है। अब जब गुजरात में भारी मतों से भाजपा चुनाव जीत गई। आम आदमी पार्टी को केवल पांच सीटों पर जीत मिली। चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली के विधायक नरेश बालियान ने आईबी के जिक्र की बात पर उल्टे भाजपा पर ही निशाना साध दिया। उन्होंने ट्विट कर लिखा, ‘IB मतलब आम आदमी पार्टी का “Internal Broadcasting” विभाग। जो सीटों का आंकलन कर रिपोर्ट देता है। अब भाजपा वाले दूसरा IB समझ गए तो ये उनकी गलती है’

 

इस तरह के दावे क्यों करते हैं अरविंद केजरीवाल? 

ऐसा नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में पहली बार इस तरह का दावा किया है। इसके पहले गोवा, यूपी समेत कई राज्यों के चुनाव में वह इस तरह के गलत दावे कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बार-बार इस तरह के दावे वह क्यों करते हैं? इसे समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘आम आदमी पार्टी देश में तेजी से उभरती हुई पार्टी है। अगर आप इनके तरीकों का अध्ययन करें तो इनका ज्यादातर काम प्रचार पर टिका हुआ है। ये अपनी छोटी सी छोटी बात को बड़ा बनाकर दिखाने की कोशिश करते हैं। उसे ब्रांड के रूप में प्रजेंट करते हैं। केजरीवाल के दावे इसी का एक हिस्सा है।’

 




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