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Himachal Election: Priyanka Gandhi May Play Major Role In Upcoming Assembly And Lok Sabha Elections – Himachal Election: प्रियंका गांधी के लिए तैयार हो रही है नई सियासी राह! क्या कांग्रेस को मिलेगी ऑक्सीजन?

Himachal Election: प्रियंका गांधी।
– फोटो : अमर उजाला (फाइल फोटो)

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हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल से कांग्रेस के एक धड़े में प्रियंका गांधी को लेकर नई राजनैतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा तो यह तक जा रहा है कि आने वाले सालों में अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में प्रियंका गांधी महत्वपूर्ण भूमिका में आ सकती हैं। दरअसल प्रियंका गांधी के इस नए राजनीतिक सफर की चर्चा हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के बाद से ज्यादा होने लगी है।

गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से सबसे बड़े चेहरों में प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा रैलियां, जनसभाएं और पब्लिक से सीधे संवाद किया था। राजनीतिक जानकारों का कहना है प्रियंका गांधी ने जिस तरीके से हिमाचल प्रदेश में चुनावी कमान संभाल कर मैदान में उतरी थीं, उससे अंदाजा इस बात का लगाया जा रहा था कि सब कुछ पहले से तय किए गए तरीके से ही हो रहा है। जिसमें प्रियंका गांधी को हिमाचल प्रदेश में एक तरह से चुनाव की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी।

प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण

राजनीतिक विश्लेषक हरिओम ठाकुर बताते हैं कि फिलहाल तो गुरुवार को आने वाले नतीजे तय करेंगे कि हिमाचल प्रदेश में किसे कितनी सीटें मिलीं। लेकिन एग्जिट पोल के अनुमान तो हिमाचल प्रदेश में मजबूत लड़ाई दिखा रहे हैं। ठाकुर कहते हैं, इस मजबूत लड़ाई में जो सबसे महत्वपूर्ण चीज उभर कर आई है, वह यह है कि प्रियंका गांधी की मेहनत के बाद हिमाचल में बढ़ा हुआ कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम नहीं आंका जा रहा है।

हिमाचल में हुए चुनावों के बाद प्रियंका गांधी के पूरे राजनैतिक कद को लेकर सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं बल्कि सियासी गलियारों में भी सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि प्रियंका गांधी निश्चित तौर पर उनकी बड़ी नेता हैं और जिस तरह से प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश के चुनावों में अपनी भूमिका निभाई वह बेहद महत्वपूर्ण रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो उसमें प्रियंका गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाएगी।

अगले साल छह राज्यों में चुनाव

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश के चुनावों के बाद प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। खासतौर से यह जिम्मेदारी आने वाले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों समेत लोकसभा के चुनावों में दिखनी चाहिए। उनका कहना है कि हालांकि प्रियंका गांधी को क्या जिम्मेदारियां मिलेंगी, यह तो कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। लेकिन यह बात बिल्कुल सही है कि प्रियंका गांधी के लिए अगले साल होने वाले 6 राज्यों के विधानसभा के चुनाव और लोकसभा के चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी के साथ मैदान में उतारने की जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश में एग्जिट पोल के अनुमान के बाद चर्चा इस बात की भी हो रही है कि अगर यह अनुमान चुनावी परिणामों में तब्दील होते हैं, तो उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव और उसके परिणामों के बाद प्रियंका गांधी को लेकर हुई तमाम चर्चाओं पर विराम भी लग जाएगा। राजनीतिक विश्लेषक एसके त्यागी कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन की तरह ही होंगे। त्यागी बताते हैं कि दरअसल किसी भी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से सबसे बड़ी मांग गांधी परिवार के चेहरों की ही होती है। चूंकि राहुल गांधी ने खुद को फिलहाल एक तरीके से बड़ी चुनावी जनसभाओं में जाने से रोक लिया था, लेकिन प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में खुलकर बड़ी बैटिंग की है। ऐसे में आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देकर कांग्रेस अपने चुनावी राज्यों में प्रदर्शन को बेहतर कर सकती है।

प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का कॉम्बिनेशन

कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ राजनेता का कहना है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को कांग्रेस निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों में बेहतर तरीके से जनता के बीच में उतारेगी। कांग्रेस के उक्त वरिष्ठ नेता का कहना है कि राहुल गांधी की भारत यात्रा के बाद जिस तरीके से राहुल गांधी का कद बढ़ रहा है और निश्चित तौर पर उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से लाभ भी पहुंचाएगा। हालांकि उनका कहना है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तो राजनीतिक नहीं है, लेकिन उस यात्रा में शिरकत करने वाले लोग कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं। और वह सीधे तौर पर जनता से जुड़ भी रहे हैं। सियासी जानकार इस बात से वास्ता रखते हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का कॉम्बिनेशन राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन देने वाला हो सकता है, जो कांग्रेस के लिए राहें आसान कर सकता है।

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हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल से कांग्रेस के एक धड़े में प्रियंका गांधी को लेकर नई राजनैतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा तो यह तक जा रहा है कि आने वाले सालों में अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में प्रियंका गांधी महत्वपूर्ण भूमिका में आ सकती हैं। दरअसल प्रियंका गांधी के इस नए राजनीतिक सफर की चर्चा हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के बाद से ज्यादा होने लगी है।

गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से सबसे बड़े चेहरों में प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा रैलियां, जनसभाएं और पब्लिक से सीधे संवाद किया था। राजनीतिक जानकारों का कहना है प्रियंका गांधी ने जिस तरीके से हिमाचल प्रदेश में चुनावी कमान संभाल कर मैदान में उतरी थीं, उससे अंदाजा इस बात का लगाया जा रहा था कि सब कुछ पहले से तय किए गए तरीके से ही हो रहा है। जिसमें प्रियंका गांधी को हिमाचल प्रदेश में एक तरह से चुनाव की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी।

प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण

राजनीतिक विश्लेषक हरिओम ठाकुर बताते हैं कि फिलहाल तो गुरुवार को आने वाले नतीजे तय करेंगे कि हिमाचल प्रदेश में किसे कितनी सीटें मिलीं। लेकिन एग्जिट पोल के अनुमान तो हिमाचल प्रदेश में मजबूत लड़ाई दिखा रहे हैं। ठाकुर कहते हैं, इस मजबूत लड़ाई में जो सबसे महत्वपूर्ण चीज उभर कर आई है, वह यह है कि प्रियंका गांधी की मेहनत के बाद हिमाचल में बढ़ा हुआ कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम नहीं आंका जा रहा है।

हिमाचल में हुए चुनावों के बाद प्रियंका गांधी के पूरे राजनैतिक कद को लेकर सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं बल्कि सियासी गलियारों में भी सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि प्रियंका गांधी निश्चित तौर पर उनकी बड़ी नेता हैं और जिस तरह से प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश के चुनावों में अपनी भूमिका निभाई वह बेहद महत्वपूर्ण रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो उसमें प्रियंका गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाएगी।

अगले साल छह राज्यों में चुनाव

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश के चुनावों के बाद प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। खासतौर से यह जिम्मेदारी आने वाले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों समेत लोकसभा के चुनावों में दिखनी चाहिए। उनका कहना है कि हालांकि प्रियंका गांधी को क्या जिम्मेदारियां मिलेंगी, यह तो कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। लेकिन यह बात बिल्कुल सही है कि प्रियंका गांधी के लिए अगले साल होने वाले 6 राज्यों के विधानसभा के चुनाव और लोकसभा के चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी के साथ मैदान में उतारने की जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश में एग्जिट पोल के अनुमान के बाद चर्चा इस बात की भी हो रही है कि अगर यह अनुमान चुनावी परिणामों में तब्दील होते हैं, तो उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव और उसके परिणामों के बाद प्रियंका गांधी को लेकर हुई तमाम चर्चाओं पर विराम भी लग जाएगा। राजनीतिक विश्लेषक एसके त्यागी कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन की तरह ही होंगे। त्यागी बताते हैं कि दरअसल किसी भी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से सबसे बड़ी मांग गांधी परिवार के चेहरों की ही होती है। चूंकि राहुल गांधी ने खुद को फिलहाल एक तरीके से बड़ी चुनावी जनसभाओं में जाने से रोक लिया था, लेकिन प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में खुलकर बड़ी बैटिंग की है। ऐसे में आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देकर कांग्रेस अपने चुनावी राज्यों में प्रदर्शन को बेहतर कर सकती है।

प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का कॉम्बिनेशन

कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ राजनेता का कहना है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को कांग्रेस निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों में बेहतर तरीके से जनता के बीच में उतारेगी। कांग्रेस के उक्त वरिष्ठ नेता का कहना है कि राहुल गांधी की भारत यात्रा के बाद जिस तरीके से राहुल गांधी का कद बढ़ रहा है और निश्चित तौर पर उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से लाभ भी पहुंचाएगा। हालांकि उनका कहना है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तो राजनीतिक नहीं है, लेकिन उस यात्रा में शिरकत करने वाले लोग कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं। और वह सीधे तौर पर जनता से जुड़ भी रहे हैं। सियासी जानकार इस बात से वास्ता रखते हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का कॉम्बिनेशन राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन देने वाला हो सकता है, जो कांग्रेस के लिए राहें आसान कर सकता है।




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