India Stopped The Export Of 27000 Vivo Smartphones In Clash With China – Vivo Phones: चाइनीज कंपनी वीवो पर सरकार फिर सख्त, 27 हजार स्मार्टफोन का निर्यात रोका, गलत जानकारी देने का आरोप

Vivo phones
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारत और चीन के मध्य चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने चीन की स्मार्टफोन कंपनी वीवो के निर्यात पर रोक लगा दी है। सरकार ने वीवो के लगभग 27,000 स्मार्टफोन के निर्यात को एक सप्ताह से ज्यादा समय तक रोक दिया है। वित्त मंत्रालय की एक शाखा भारत की राजस्व खुफिया इकाई ने वीवो की ओर से डिवाइस मॉडल्स और उनकी वैल्यू के बारे में गलत जानकारी देने के कारण रोक लगा दी है। बता दें कि वीवो के शिपमेंट में रुकावट से भारत में अन्य चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के निर्यात हतोत्साहित होने की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल, चाइनीज कंपनी वीवो पर अपने डिवाइस मॉडल्स और उनकी कीमत के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि इन डिवाइस की कीमत 1.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 123 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्रालय की शाखा भारत की राजस्व खुफिया इकाई द्वारा नई दिल्ली हवाई अड्डे पर वीवो कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी कंपनी के बनाए गए स्मार्टफोन पर रोक लगाई गई है। हालांकि अब तक फाइनेंस मिनिस्ट्री और वीवो इंडिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी एजेंसी की इस कार्रवाई को इंडस्ट्री लॉबी ग्रुप ने एकतरफा और बेतुका बताया है। ग्रुप का कहना है कि इस तरह की अनुचित कार्रवाई से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और आयात हतोत्साहित होगा। बता दें कि साल 2020 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिमालयी सीमाओं में हुए टकराव के बाद राजनीतिक मतभेद काफी बढ़ गए है। साल 2020 से ही भारत में चाइनीज एप को बैन करने की मांग उठी थी और इसी साल 300 से अधिक एप को बैन किया गया था। हालांकि, चाइनीज एप को बैन करने का सिलसिल अभी भी जारी है।
वीवो का है विवादों से पुराना नाता
चाइनीज कंपनियों वीवो पर इससे पहले टैक्स चोरी के आरोप लगे थे। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इसी साल जुलाई में वीवो पर सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ कंपनी के 44 ठिकानों पर छापेमारी की थी। वीवो के देशभर में मौजूद ऑफिसों में यह कार्रवाई की गई थी। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई थी, जिसमें ईडी ने इस कंपनी पर टैक्स चोरी के आरोप लगाए थे। हालांकि, वीवो पर सबसे पहले साल 2017 में कार्रवाई की गई थी, जिसमें कंपनी का जयपुर वाला रीजनल ऑफिस सीज कर दिया गया था।