Kim Jong Un Visit Russia Meet With President Vladimir Putin North Korea Relation

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Russia North korea Relation: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने रूस के दौरे के कारण चर्चा का विषय बने हुए हैं. उन्होंने रूस पहुंच कर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. पिछले 4 वर्षों में यह पहला मौका था जब किम जोंग उन उत्तर कोरिया से बाहर निकले. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक दोनों नेताओं की यह मुलाकात रूस के वोस्तोक कॉस्मोड्रोम शहर में हुई. 

सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार किम जोंग अपनी स्पेशल बख्तरबंद ट्रेन से रूस पहुंचे, जहां पुतिन ने उनका स्वागत किया. कई मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया कि किम जोंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हथियार को लेकर डील हुई है. दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस को हथियारों की जरुरत है. वहीं, उत्तर कोरिया के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है. 

रूसी रक्षा मंत्री ने भी किया था रूस का दौरा 
गौरतलब है कि पुतिन और किम की मुलाकात से करीब दो महीने पहले रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु उत्तर कोरिया के दौरे पर गए थे. इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि किम जोंग और पुतिन के बीच मुलाकात हो सकती है. बता दें कि सर्गेई साल 1991 के बाद पिछले 32 सालों में उत्तर कोरिया जाने वाले पहले रूसी रक्षा मंत्री थे. 

युद्ध के बीच रूस के पास हथियार पड़ गए कम 
रूस के हथियारों की जरुरत पर दुनिया भर के एक्सपर्ट अपनी राय रख रहे हैं. सियोल के कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के पूर्व प्रमुख किम ताइवू का कहना है कि डेढ़ साल से अधिक समय से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है. यूक्रेन को समय-समय पर पश्चिमी देशों का सहयोग मिल जा रहा है, जबकि रूस अपने दम पर अभी तक मैदान-ए-जंग में टिका हुआ है. ऐसे में रूस को अब हथियारों की जरूरत है. यही वजह है कि रूस जैसे ताकतवर देश के रक्षा मंत्री को युद्ध के बीच उत्तर कोरिया जैसे छोटे देश की यात्रा करनी पड़ी है. 

बता दें कि किम की रूस यात्रा के पहले अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि पुतिन और किम जल्द ही हथियार डील को लेकर पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में मुलाकात करने वाले हैं. जैसा की हो भी रहा है. 

उत्तर कोरिया का अपना स्वार्थ 
एक्सपर्ट का मानना है कि पश्चिमी देशों के बॉयकॉट के बाद उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र (UN) के लगाए प्रतिबंधों की मार भी झेल रहा है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है. वहां महंगाई चरम पर है. ऐसे में किम जोंग के पास रूस के साथ सौदा करने का यह बेहतर विकल्प था, जिसे उन्होंने समय रहते लपक लिया. उत्तर कोरिया, हथियारों के बदले रूस से खाद्य सामग्री, रसद और ऊर्जा आपूर्ति की मांग कर सकता है. इतना ही नहीं वह हाईटेक वेपन सिस्टम (अत्याधुनिक हथियार तकनीक) की मांग भी रख सकता है.

क्या अपनी बात से मुकर जाएगा रूस 
दिलचस्प बात यह है कि अभी तक रूस खुद संयुक्त राष्ट्र (UN) में उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को सही ठहरता आया है. ऐसे में अगर दोनों के बीच समझौता होता है तो वह खुद अपने ही फैसले को पलट देगा.

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