MCD चुनावों में लगी हार की चोट! BJP के लिए मरहम का काम करेंगी ये 3 बड़ी खबरें | Despite the defeat in the MCD elections, BJP must have heaved a sigh of relief, these are 3 big reasons

MCD में 15 साल बाद बीजेपी की हार हुई है।
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के नतीजे बुधवार को आ गए। आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों में 250 में से 134 सीटें जीतकर MCD पर बीजेपी के 15 साल के शासन का खात्मा कर दिया। इस नगर निकाय में पिछले 15 सालों से अपराजेय रही बीजेपी को 104 सीटों से संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 9 सीटें आईं। MCD चुनावों में मिली यह हार बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका जरूर है, लेकिन इसमें भी पार्टी के लिए कुछ सकारात्मक संदेश छिपे हुए हैं।
1. एंटी इंकम्बैंसी के बावजूद वोट शेयर पर असर नहीं
बीजेपी पिछले 15 सालों से MCD की सत्ता पर काबिज थी। आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव से ही इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रही थी और पार्टी को उसका फल भी मिला। हालांकि, AAP की जीत में 15 साल की एंटी-इंकम्बैंसी का भी कम योगदान नहीं है। इन सबके बावजूद बीजेपी के लिए राहत की बात यह रही कि उसके वोट शेयर पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है। बुधवार को आए नतीजों से पता चला कि बीजेपी पर इस बार दिल्ली के 39.09 मतदाताओं ने भरोसा जताया है। AAP की बात करें तो उसे बीजेपी से लगभग 3 फीसदी ज्यादा 42.05 प्रतिशत वोट मिले हैं।
2. सिसोदिया, जैन के इलाके में बीजेपी की बड़ी जीत
बीजेपी के लिए राहत की बात यह भी है कि उसने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन के इलाकों में जीत दर्ज की है। मनीष सिसोदिया की पटपड़गंज विधानसभा में कुल 4 वॉर्ड आते हैं और बीजेपी ने इनमें से 3 वॉर्ड्स में जीत दर्ज की है। वहीं, सत्येंद्र जैन की शकूरबस्ती विधानसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले तीनों वॉर्डों में बीजेपी ने परचम लहराया है। बता दें कि इन दोनों ही नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, और जैन तो लंबे समय से जेल में बंद हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन सीटों पर भ्रष्टाचार के मुद्दे को जनता ने गंभीरता से लिया है।
3. एग्जिट पोल फेल होते नजर आए
बता दें कि एग्जिट पोल में बीजेपी की बुरी तरह हार का अंदाजा लगाया गया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। एग्जिट पोल आने के बाद बीजेपी के कार्यकर्ता बुरी तरह मायूस थे, लेकिन सुबह जैसे ही परिणाम आने लगे, उनके चेहरे पर राहत नजर आई। कुछ सीटों पर बेहद करीबी मुकाबला भी रहा। अंतिम परिणामों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने 134 और बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, पोट प्रतिशत के मामले में भी दोनों के बीच लगभग 3 फीसदी का अंतर रहा। ऐसे में बीजेपी के लिए यह कहने का मौका मिल गया कि उसे 15 साल की एंटी इंकम्बैंसी की वजह से करीबी मुकाबले में हार मिली है।