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New Revelation In Rpg Attack On Sarhali Police Station Of Punjab – Rpg Attack: गोइंदवाल जेल से रचा गया सरहाली थाने पर हमले का षड्यंत्र, आतंकी लखबीर सिंह लंडा ने की थी फंडिंग

सरहाली थाने पर आरपीजी से हमला।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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तरनतारन के थाना सरहाली में रॉकेट लांचर दागने का षड्यंत्र केंद्रीय जेल गोइंदवाल से रचा गया। एनआईए के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के कुख्यात आतंकी लखबीर सिंह लंडा ने विदेश से इस मामले की फंडिंग की थी। वारदात को अंजाम देने वाले दो लोगों के नाम भी सामने आए।

वारदात को जेल में बंद गोपी और प्रीत सिंह ने अंजाम दिया। दोनों अपराधी एक गैंग का हिस्सा हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले पंजाब के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। हालांकि पंजाब पुलिस ने अभी इन नामों के बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने इस मामले में लगभग छह लोगों को नामजद किया है। इनमें से 4 को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि दो फरार हैं। 

पिछले दिनों रात्रि के समय जिला तरनतारन के सरहाली थाना में रॉकेट लांचर दागा गया था। गनीमत रही कि इसमें किसी प्रकार से जान का नुकसान नहीं हुआ क्योंकि, उसका धमाका नहीं हुआ। थाने में उस दौरान पुलिस थाना प्रभारी उपस्थित नहीं थे। पुलिस के अन्य मुलाजिमों ने फोन पर थाना प्रभारी से लेकर उच्च अधिकारियों को इस बारे जानकारी दी। हैरान करने वाली बात कोई तत्काल कार्रवाई करने नहीं पहुंचा। अगले दिन सुबह जाकर सभी इकट्ठा हुए। इस मामले में थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया है। 

दोनों आरोपी ट्रांजिट रिमांड पर
पुलिस से लेकर जांच एजेंसियों की जांच प्रक्रिया का दायरा बढ़ा तो सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने छह संदिग्धों को राउंडअप कर लिया। मोटरसाइकिल सवार की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूछताछ में मामले के तार गोइंदवाल जेल से जुड़े। वहां से दो मोबाइल नंबर ट्रेस किए तो पता चला कि वह गोपी और प्रीत सिंह नाम के कैदी चला रहे थे। दोनों कथित अपराधियों को इस मामले में नामजद कर अदालत में पेश किया गया। 

पता चला है कि पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले आई। इसके बादा उनसे कड़ाई से पूछताछ हुई तो विदेश में बैठे केएलएफ के आतंकी लखबीर सिंह लंडा का नाम सामने आया। लंडा विदेश से पंजाब के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा हैं। यहां पर युवकों को पैसे के लालच में फंसाकर , उनसे देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिलाता हैं। इस मामले में भी लंडा ने विदेश से फंडिंग की थी। यह नहीं साफ हो पाया कि पैसे बैंक खाता में डाले गए या फिर हवाला के माध्यम से दिए गए। 

पटियाला जेल से भी जुड़ रहे तार
काउंटर इंटेलिजेंस की गहन जांच-पड़ताल से इस मामले के तार पटियाला की केंद्रीय से भी जुड़ रहे हैं। टीम ने एक अपराधी को हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया। अदालत ने उसकी ट्रांजिट रिमांड को स्वीकार कर लिया। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिया गया अपराधी संगीन अपराधों में लिप्त है। उसके तार भी सरहद पार से जुड़े हैं। अब काउंटर इंटेलिजेंस पूछताछ में बड़ा खुलासा होने का दावा कर रही हैं। 

एनआईए की जांच प्रक्रिया ड्रोन से आरंभ
थाना सरहाली पहुंची एनआईए टीम ने हर पहलू पर अपनी जांच प्रक्रिया की। उस जांच का दायरा बढ़ाते हुए एनआईए ने ड्रोन की संख्या की जानकारी मांग ली। एनआईए ड्रोन की संख्या के आधार पर पता लगाना चाहती है कि किन-किन तारीख पर ड्रोन भारत में आया। कितनी बार हथियार तथा खेप बरामद हुई। उसमें किस-किस प्रकार के हथियार थे। सूत्रों से पता चला है कि एनआईए को आशंका है कि रॉकेट लांचर भी पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पहुंचाया गया। इस बात का पक्का पता चलने पर एनआईए को यह केस सुलझाने में सफलता प्राप्त होगी।

विस्तार

तरनतारन के थाना सरहाली में रॉकेट लांचर दागने का षड्यंत्र केंद्रीय जेल गोइंदवाल से रचा गया। एनआईए के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के कुख्यात आतंकी लखबीर सिंह लंडा ने विदेश से इस मामले की फंडिंग की थी। वारदात को अंजाम देने वाले दो लोगों के नाम भी सामने आए।

वारदात को जेल में बंद गोपी और प्रीत सिंह ने अंजाम दिया। दोनों अपराधी एक गैंग का हिस्सा हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले पंजाब के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। हालांकि पंजाब पुलिस ने अभी इन नामों के बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने इस मामले में लगभग छह लोगों को नामजद किया है। इनमें से 4 को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि दो फरार हैं। 

पिछले दिनों रात्रि के समय जिला तरनतारन के सरहाली थाना में रॉकेट लांचर दागा गया था। गनीमत रही कि इसमें किसी प्रकार से जान का नुकसान नहीं हुआ क्योंकि, उसका धमाका नहीं हुआ। थाने में उस दौरान पुलिस थाना प्रभारी उपस्थित नहीं थे। पुलिस के अन्य मुलाजिमों ने फोन पर थाना प्रभारी से लेकर उच्च अधिकारियों को इस बारे जानकारी दी। हैरान करने वाली बात कोई तत्काल कार्रवाई करने नहीं पहुंचा। अगले दिन सुबह जाकर सभी इकट्ठा हुए। इस मामले में थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया है। 

दोनों आरोपी ट्रांजिट रिमांड पर

पुलिस से लेकर जांच एजेंसियों की जांच प्रक्रिया का दायरा बढ़ा तो सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने छह संदिग्धों को राउंडअप कर लिया। मोटरसाइकिल सवार की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूछताछ में मामले के तार गोइंदवाल जेल से जुड़े। वहां से दो मोबाइल नंबर ट्रेस किए तो पता चला कि वह गोपी और प्रीत सिंह नाम के कैदी चला रहे थे। दोनों कथित अपराधियों को इस मामले में नामजद कर अदालत में पेश किया गया। 

पता चला है कि पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले आई। इसके बादा उनसे कड़ाई से पूछताछ हुई तो विदेश में बैठे केएलएफ के आतंकी लखबीर सिंह लंडा का नाम सामने आया। लंडा विदेश से पंजाब के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा हैं। यहां पर युवकों को पैसे के लालच में फंसाकर , उनसे देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिलाता हैं। इस मामले में भी लंडा ने विदेश से फंडिंग की थी। यह नहीं साफ हो पाया कि पैसे बैंक खाता में डाले गए या फिर हवाला के माध्यम से दिए गए। 

पटियाला जेल से भी जुड़ रहे तार

काउंटर इंटेलिजेंस की गहन जांच-पड़ताल से इस मामले के तार पटियाला की केंद्रीय से भी जुड़ रहे हैं। टीम ने एक अपराधी को हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया। अदालत ने उसकी ट्रांजिट रिमांड को स्वीकार कर लिया। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिया गया अपराधी संगीन अपराधों में लिप्त है। उसके तार भी सरहद पार से जुड़े हैं। अब काउंटर इंटेलिजेंस पूछताछ में बड़ा खुलासा होने का दावा कर रही हैं। 

एनआईए की जांच प्रक्रिया ड्रोन से आरंभ

थाना सरहाली पहुंची एनआईए टीम ने हर पहलू पर अपनी जांच प्रक्रिया की। उस जांच का दायरा बढ़ाते हुए एनआईए ने ड्रोन की संख्या की जानकारी मांग ली। एनआईए ड्रोन की संख्या के आधार पर पता लगाना चाहती है कि किन-किन तारीख पर ड्रोन भारत में आया। कितनी बार हथियार तथा खेप बरामद हुई। उसमें किस-किस प्रकार के हथियार थे। सूत्रों से पता चला है कि एनआईए को आशंका है कि रॉकेट लांचर भी पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पहुंचाया गया। इस बात का पक्का पता चलने पर एनआईए को यह केस सुलझाने में सफलता प्राप्त होगी।




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