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Political Parties Barred From Campaigning In This Gujarat Village – Gujarat Polls: गुजरात के इस गांव में ‘चुनावी सन्नाटा’ किसी को प्रचार की इजाजत नहीं, वोट नहीं देने पर जुर्माना

राजकोट जिले के राज समधियाला गांव में पसरा है सन्नाटा
– फोटो : ANI

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विधानसभा चुनाव को लेकर गुजरात में जबर्दस्त प्रचार व चुनावी बुखार नजर आ रहा है, वहीं, राजकोट जिले के एक गांव में सन्नाटा पसरा पड़ा है। राज समधियाला गांव चुनावी ड्रामेबाजी व प्रचार से दूर है। ग्रामीणों ने इसकी वजह भी बताई है। 
गांव के लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं के प्रवेश और प्रचार पर पाबंदी लगा रखी है। हालांकि, गांव के लोग मतदान जरूर करेंगे और वोटिंग नहीं करने वाले पर जुर्माना भी लगाएंगे। राज समधियाला गांव के लोगों को लगता है कि उम्मीदवारों को प्रचार की इजाजत देना क्षेत्र के लिए हानिकारक होगा। इसलिए किसी दल को गांव में प्रवेश व प्रचार की इजाजत नहीं दी गई है। गांव में प्रचार पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है। 

मतदान नहीं करने पर लगेगा इतना जुर्माना
राज समाधियाला गांव राजकोट से 20 किलोमीटर दूर है। यहां गांव वालों ने न केवल राजनीतिक प्रचार पर प्रतिबंध लगाया है, बल्कि मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मतदान नहीं करने वालों पर 51 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। ग्राम विकास समिति (वीडीसी) ने गांव के लोगों के लिए कई नियम बनाए हैं। गांव के लोग इनसे बंधे हैं। नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाया जाता है। अनिवार्य मतदान का भी नियम है। गांव में लगभग 100 फीसदी  मतदान हो रहा है। 

आम सहमति से चुनते हैं सरपंच
इस गांव का सरपंच भी आम सहमति से चुना जाता है। मौजूदा सरपंच का कहना है कि जुर्माने के फैसले से यहां करीब शत प्रतिशत मतदान हो जाता है। 1700 की आबादी वाले इस छोटे से गांव ने एक कमेटी बनाई है। मतदान से कुछ दिन पहले समिति के सदस्य ग्रामीणों की एक बैठक बुलाते हैं और यदि कोई मतदान करने में असमर्थ होता है तो समिति को इसका कारण बताना पड़ता है। 
 

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विधानसभा चुनाव को लेकर गुजरात में जबर्दस्त प्रचार व चुनावी बुखार नजर आ रहा है, वहीं, राजकोट जिले के एक गांव में सन्नाटा पसरा पड़ा है। राज समधियाला गांव चुनावी ड्रामेबाजी व प्रचार से दूर है। ग्रामीणों ने इसकी वजह भी बताई है। 

गांव के लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं के प्रवेश और प्रचार पर पाबंदी लगा रखी है। हालांकि, गांव के लोग मतदान जरूर करेंगे और वोटिंग नहीं करने वाले पर जुर्माना भी लगाएंगे। राज समधियाला गांव के लोगों को लगता है कि उम्मीदवारों को प्रचार की इजाजत देना क्षेत्र के लिए हानिकारक होगा। इसलिए किसी दल को गांव में प्रवेश व प्रचार की इजाजत नहीं दी गई है। गांव में प्रचार पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है। 

मतदान नहीं करने पर लगेगा इतना जुर्माना

राज समाधियाला गांव राजकोट से 20 किलोमीटर दूर है। यहां गांव वालों ने न केवल राजनीतिक प्रचार पर प्रतिबंध लगाया है, बल्कि मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मतदान नहीं करने वालों पर 51 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। ग्राम विकास समिति (वीडीसी) ने गांव के लोगों के लिए कई नियम बनाए हैं। गांव के लोग इनसे बंधे हैं। नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाया जाता है। अनिवार्य मतदान का भी नियम है। गांव में लगभग 100 फीसदी  मतदान हो रहा है। 

आम सहमति से चुनते हैं सरपंच

इस गांव का सरपंच भी आम सहमति से चुना जाता है। मौजूदा सरपंच का कहना है कि जुर्माने के फैसले से यहां करीब शत प्रतिशत मतदान हो जाता है। 1700 की आबादी वाले इस छोटे से गांव ने एक कमेटी बनाई है। मतदान से कुछ दिन पहले समिति के सदस्य ग्रामीणों की एक बैठक बुलाते हैं और यदि कोई मतदान करने में असमर्थ होता है तो समिति को इसका कारण बताना पड़ता है। 

 




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