Rohi Sharma-Shikhar Dhawan Or Ishan Kishan-Shubman Gill BCCI Needs to Take Some Harsh Decision | सीनियर या जूनियर? असमंजस में टीम इंडिया, बड़ी दुविधा में फंसी BCCI

रोहित-धवन vs गिल-किशन
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पिछला एक डेढ़ साल कुछ खास नहीं रहा है। सीनियर खिलाड़ियों के प्रदर्शन का ग्राफ जहां गिरता जा रहा है। वहीं युवा खिलाड़ी यानी जूनियर लगातार अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। इसका एक नमूना 10 दिसंबर शनिवार को भी देखने को मिला जब ईशान किशन ने ऐतिहासिक 210 रनों की पारी खेली। सिर्फ किशन ही नहीं इससे पहले शुभमन गिल का प्रदर्शन, विजय हजारे ट्रॉफी में रुतुराज गायकवाड़ की धमाकेदार बल्लेबाजी और संजू सैमसन की बेहतरीन वापसी…यह सभी कुछ बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट को एक बड़े असमंजस में डाल चुका है।
अब यही सवाल उठने लगा है कि, सीनियर या जूनियर? यह सवाल सिर्फ बोर्ड ही नहीं बल्कि टीम मैनेजमेंट यानी हेड कोच, बल्लेबाजी कोच, गेंदबाजी कोच व अन्य सपोर्ट स्टाफ के सामने भी सिरदर्द बना हुआ है। अगर पिछले कुछ टूर्नामेंट में टीम इंडिया के प्रदर्शन की बात करें तो विराट कोहली को छोड़ अन्य सीनियर खिलाड़ी अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं। रोहित शर्मा का प्रदर्शन लगातार सवालों के घेरे में है। वहीं केएल राहुल और शिखर धवन भी अपने कद के मुताबिक खेलने में नाकाम रहे हैं। भुवनेश्वर कुमार अपनी इकॉनमी भी गंवा चुके हैं तो मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह फिटनेस की समस्या से ही जूझते नजर आ रहे हैं।
रोहित-धवन की जगह लेंगे गिल-किशन?
ऐसे में ईशान किशन, शुभमन गिल, संजू सैमसन, उमरान मलिक, अर्शदीप सिंह व मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन ने टीम इंडिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब बीसीसीआई के आगे भी यह दुविधा खड़ी हो गई है कि नाम पर जाएं या काम पर। क्योंकि, शिखर धवन और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी अब गुजरा हुआ समय लगने लगा है। अगले साल भारत में वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है। यह दोनों खिलाड़ी ही अपने करियर से बेस्ट फॉर्म में नहीं हैं। वहीं शुभमन गिल और ईशान किशन अलग-अलग मौकों पर खुद को साबित कर चुके हैं। तो क्या अब हम आने वाले समय में रोहित-धवन की जगह गिल-किशन के कॉम्बिनेशन की ओर देख सकते हैं। खासतौर से तब जब यह कॉम्बिनेशन भी लेफ्ट राइट का है।
रोहित शर्मा और शिखर धवन
साल 2022 में सीनियर खिलाड़ियों का प्रदर्शन
खिलाड़ी | पारी | रन/विकेट | औसत | स्ट्राइक रेट | 100s/5 विकेट हॉल | 50s/इकॉनमी | बेस्ट |
रोहित शर्मा | 8 | 249 | 41.50 | 114.22 | 0 | 3 | 76 नाबाद |
शिखर धवन | 22 | 688 | 34.40 | 74.21 | 0 | 6 | 97 |
केएल राहुल | 9 | 251 | 27.88 | 80.19 | 0 | 2 | 73 |
जसप्रीत बुमराह | 5 | 13 विकेट | 15.76 | 21.8 | 1 | 4.33 | 6/19 |
मोहम्मद शमी | 3 | 4 विकेट | 29.25 | 36 | 0 | 4.87 | 3/31 |
फिर रोहित का क्या होगा?
देखिए रोहित शर्मा टीम के कप्तान हैं। बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में जिस तरह से उन्होंने लोअर ऑर्डर में आकर बल्लेबाजी की वो दिखाता है कि अब वह प्रेशर की बजाय खुलकर खेलने में ज्यादा अच्छे लगेंगे। अभी उनके सिर एक ओपनर और एक कप्तान दोनों के तौर पर प्रेशर रहता है। अगर वह खुद को निचले मिडिल ऑर्डर में डिमोट करते हैं तो यह एक आउट ऑफ द बॉक्स मूव होगा लेकिन असरदार साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि युवाओं के प्रदर्शन को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते और कप्तान को बाहर नहीं कर सकते। टीम इंडिया में पहले भी सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी जैसे कप्तान भी खुद को बल्लेबाजी क्रम में डिमोट कर चुके हैं।
किसकी जगह खतरे में?
अब सवाल यह भी उठता है कि अगर युवाओं को टीम में लाया जाएगा तो बाहर किसे किया जाएगा? अगर वर्ल्ड कप के लिहाज से देखें तो शिखर धवन का आईसीसी टूर्नामेंट में रिकॉर्ड शानदार है लेकिन पिछले कुछ समय से वह अपनी पुरानी लय में नजर नहीं आ रहे हैं। तो मैनेजमेंट रिकॉर्ड देखता है या हालिया प्रदर्शन यह देखना खासा दिलचस्प होगा। क्योंकि धवन बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में जहां फ्लॉप रहे तो पिछली सीरीज में उनका स्ट्राइक रेट सवालों के घेरे में था। वहीं ईशान किशन ने मौका मिलते ही अपना इंटेंट साफ कर दिया है। ऋषभ पंत व्हाइट बॉल क्रिकेट में फिट होते नहीं नजर आ रहे हैं तो उनकी जगह संजू सैमसन या फिर ईशान किशन ही विकेटकीपर की भूमिका निभा सकते हैं। केएल राहुल को भी वनडे टीम में एक मिडिल ऑर्डर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर मौके और दिए जा सकते हैं।
शुभमन गिल और ईशान किशन
साल 2022 में युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन
खिलाड़ी | पारी | रन/विकेट | औसत | स्ट्राइक रेट | 100s/ 5 विकेट | 50s/इकॉनमी | बेस्ट |
शुभमन गिल | 12 | 638 | 70.88 | 102.57 | 1 | 4 | 130 |
ईशान किशन | 7 | 417 | 59.57 | 109.73 | 1 | 2 | 210 |
संजू सैमसन | 9 | 284 | 71 | 105.57 | 0 | 2 | 86 नाबाद |
मोहम्मद सिराज | 15 | 24 विकेट | 23.50 | 30.5 | 0 | 4.62 | 3/29 |
उमरान मलिक | 5 | 7 विकेट | 28.28 | 28.2 | 0 | 6.00 | 2/43 |
नई पेस बैट्री हो रही तैयार…
गेंदबाजी आक्रमण की बात करें तो भुवी वनडे टीम से बाहर ही हैं तो शमी और बुमराह की फिटनेस समस्या का विषय है। उस बीच साल 2022 में भारत के लिए सबसे ज्यादा वनडे विकेट लेने वाले मोहम्मद सिराज ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। उनके अलावा न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू करने वाले उमरान मलिक ने कीवी सरजमीं के बाद बांग्लादेश में भी अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया है। अर्शदीप सिंह का प्रदर्शन तो एशिया कप से विश्व कप तक लगातार चर्चा का विषय रहा है, तो सीनियर्स की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया की नई पेस बैट्री तैयार होती दिख रही है।
युवाओं का शानदार प्रदर्शन और सीनियर खिलाड़ियों का गिरता ग्राफ दोनों ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सिरदर्द बन गए हैं। क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) में हमेशा से ही नामों को तवज्जो देने की परंपरा रही है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड जैसे कड़े फैसले भारत में बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। यहां सीनियर्स को बाहर होते कम देखा जाता है चाहें वह परफॉर्म करें या नहीं। या तो एमएस धोनी जैसा एक कप्तान आए जो 2007-08 में कई कड़े फैसले लेता है और उसका परिणाम मिलता है टीम इंडिया को 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के तौर पर। पिछले करीब एक दशक से भारत कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीता है जिसका सबसे बड़ा कारण हो सकता है टीम इंडिया के अंदर चल रही आइडल वर्शिप यानी नाम को तवज्जो देना ना कि काम को। अगर मैनेजमेंट कोई कड़े कदम नहीं उठाएगा तो यह इंतजार शायद कुछ और सालों तक बढ़ भी सकता है।
यह भी पढ़ें:-
Latest Cricket News