Russian President Vladimir Putin Said India-Middle East-Europe Economic Corridor Project Will Benefit For Russia Know How

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Russia On IMEC: नई दिल्ली में आयोजित G-20 शिखर सम्मलेन के दौरान मिडिल ईस्‍ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर सहमति बनी. जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. दुनिया भर से इस समझौते को लेकर प्रतिक्रियाएं भी आईं. इसी बीच अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत मिडिल ईस्‍ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को रूस के लिए फायदेमंद बताया है. इसके साथ ही उन्होंने इसका स्वागत भी किया है. 

रूसी न्यूज एजेंसी TASS की रिपोर्ट के अनुसार, व्‍लोदिवोस्‍तोक में आयोजित आठवें ईस्‍टर्न इकोनॉमिक फोरम में पुतिन ने कहा कि उन्हें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) में ऐसा कुछ भी नहीं दिखता, जो रूस के लिए बाधा बन सके. उनके अनुसार इस परियोजना से रूस को लाभ होगा. वहीं, पुतिन ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे इसमें शामिल होने का क्‍या मतलब था, यह मेरी समझ से परे है. 

रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आईएमईसी उनके देश को लॉजिस्टिक्स विकसित करने में मदद करेगा.  इस परियोजना पर कई वर्षों से चर्चा चल रही थी. उन्होंने कहा कि इस गलियारे के साथ जो कॉर्गो जुड़ा है वह वास्तव में, रूस की उत्तर-दक्षिण परियोजना का एक अतिरिक्त हिस्सा है. हमारे पास यहां कुछ भी नहीं है, जो  हमारे लिए बाधा बन सकता है. 

विरोध में तुर्किए

एक तरफ जहां रूस ने इस कॉरिडोर का स्वागत किया है, वहीं दूसरी तरफ तुर्किए इस कॉरिडोर के विरोध में है. तुर्किए  के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि उन्हें पता है कि कई देश ट्रेड कॉरिडोर बनाकर अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन तुर्किए के बिना कोई कॉरिडोर नहीं है.

अमेरिका ने भी बताया बड़ी कामयाबी

गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका भी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे को बड़ी कामयाबी बता रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि इससे यूरोप से एशिया तक संपर्क के एक नए युग की शुरुआत होगी, जो दोनों महाद्वीपों में आर्थिक वृद्धि, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा. 

जी- 20 शिखर सम्मलेन में लिया गया ऐतिहासिक फैसला 

जी- 20 शिखर सम्मलेन के दौरान भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपियन यूनियन ने सहमति के साथ इस ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की. इसमें शामिल देशों ने एक एमओयू पर साइन किया है. इस एमओयू साथ ही मिडिल ईस्‍ट कॉरिडोर का ऐलान किया गया है.

क्या है इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर? 

भारत, मिडिल ईस्ट और यूरोपीय देशों के बीच हुआ ये समझौता असल में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के तहत, बंदरगाहों से लेकर रेल नेटवर्क तक तैयार किया जाएगा. जिससे सभी देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी. 

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