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Shashi Tharoor Praises For Jaishankar After India Abstains On Un Resolution – Un Security Council: संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर जयशंकर के फैसले से खुश हुए थरूर, जमकर की तारीफ

शशि थरूर और एस जयशंकर
– फोटो : Social Media

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पूर्व राजनयिक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सभी संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध व्यवस्थाओं में मानवीय छूट की स्थापना करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर भारत के रुख के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रशंसा की। थरूर ने एक ट्वीट में कहा प्रस्ताव के पीछे की मानवीय चिंताओं को समझते हुए, मैं भारत की उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हूं, जिसने इसके बहिष्कार को प्रेरित किया। शाबाश डॉक्टर विदेशमंत्री जयशंकर। विदेश मंत्री ने एकदम सही फैसला लिया है।

जानें क्या है मामला?
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया जिसमें कहा गया कि प्रतिबंध व्यवस्थाओं में मानवीय सहायता वाले संगठन को छूट मिलनी चाहिए ताकि कोई भी संगठन या संस्था पैसे जुटाकर आपदा या संकट के समय लोगों की मदद कर सके। लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि  काली सूची में डाले गए आतंकी समूहों, जिनमें उसके पड़ोसी भी शामिल हैं, ने इस तरह के मौकों का पूरा फायदा उठाया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उपयोग करके धन जुटाया है और लड़ाकों की भर्ती भी की है।  भारत एक मात्र सदस्य था जो कि इस प्रस्ताव का समर्थन करने से इंकार कर दिया। जबकि परिषद के अन्य सभी 14 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

भारत का क्या पक्ष था?
पाकिस्तान और उसकी सरजमीं पर मौजूद आतंकी संगठनों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए परिषद की अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि इस परिषद के प्रस्ताव पास होने से कई आतंकी संगठनों को छूट मिल जाएगी क्योंकि ये सभी मानवीय सहायता के नाम पर पैसे जुटाते हैं और आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिए खर्च करते हैं। ये सभी आतंकी संगठन चैरिटी बनाकर खुद को मानवीय संगठन बताएंगे ताकि प्रतिबंध में छूट मिल जाए और आतंकियों के लिए जमकर फंडिंग करे।  कंबोज ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया। उन्होंने जमात-उद-दावा (जमात-उद-दावा) के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि हमारे पड़ोस में आतंकवादीसमूहों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस परिषद द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूह भी शामिल हैं।

 

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पूर्व राजनयिक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सभी संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध व्यवस्थाओं में मानवीय छूट की स्थापना करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर भारत के रुख के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रशंसा की। थरूर ने एक ट्वीट में कहा प्रस्ताव के पीछे की मानवीय चिंताओं को समझते हुए, मैं भारत की उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हूं, जिसने इसके बहिष्कार को प्रेरित किया। शाबाश डॉक्टर विदेशमंत्री जयशंकर। विदेश मंत्री ने एकदम सही फैसला लिया है।

जानें क्या है मामला?

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया जिसमें कहा गया कि प्रतिबंध व्यवस्थाओं में मानवीय सहायता वाले संगठन को छूट मिलनी चाहिए ताकि कोई भी संगठन या संस्था पैसे जुटाकर आपदा या संकट के समय लोगों की मदद कर सके। लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि  काली सूची में डाले गए आतंकी समूहों, जिनमें उसके पड़ोसी भी शामिल हैं, ने इस तरह के मौकों का पूरा फायदा उठाया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उपयोग करके धन जुटाया है और लड़ाकों की भर्ती भी की है।  भारत एक मात्र सदस्य था जो कि इस प्रस्ताव का समर्थन करने से इंकार कर दिया। जबकि परिषद के अन्य सभी 14 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

भारत का क्या पक्ष था?

पाकिस्तान और उसकी सरजमीं पर मौजूद आतंकी संगठनों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए परिषद की अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि इस परिषद के प्रस्ताव पास होने से कई आतंकी संगठनों को छूट मिल जाएगी क्योंकि ये सभी मानवीय सहायता के नाम पर पैसे जुटाते हैं और आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिए खर्च करते हैं। ये सभी आतंकी संगठन चैरिटी बनाकर खुद को मानवीय संगठन बताएंगे ताकि प्रतिबंध में छूट मिल जाए और आतंकियों के लिए जमकर फंडिंग करे।  कंबोज ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया। उन्होंने जमात-उद-दावा (जमात-उद-दावा) के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि हमारे पड़ोस में आतंकवादीसमूहों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस परिषद द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूह भी शामिल हैं।

 




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