Sri Lanka: Jaffna University Refuses To Sign Mou With China, Says Beijing Has Hidden Agenda – Sri Lanka: जाफना यूनिवर्सिटी ने चीनी गुप्त एजेंडे के चलते Mou से किया इनकार, कुलपति ने कही यह बात

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चीन-श्रीलंका (सांकेतिक तस्वीर)।
– फोटो : iStock
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जाफना विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में चीन के सरकारी कृषि विवि के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत करने से इनकार करने के चलते चीन-श्रीलंका संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। जाफना विवि का कहना है कि इस सौदे के भीतर उत्तरी व पूर्वी क्षेत्र में विकास परियोजनाओं के बहाने उपजाऊ भूमि हड़पने का चीन का गुप्त एजेंडा छिपा हुआ है।
सीलोन टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जाफना विवि के कुलपति शिवकोलुंडु श्रीसतकुनाराजा ने 25 नवंबर को एमओयू पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया था। इसके अलावा छात्रसंघ ने भी सरकार से लोगों की इच्छा के विरुद्ध चीन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील की थी। सीलोन टुडे के अनुसार, छात्रसंघ ने एमओयू पर हस्ताक्षर से इनकार करने के लिए कुलपति का आभार जताया।
बयान में आगे कहा गया है कि चीन ने समुद्री खीरे (एक प्रकार की मछली) को बढ़ावा देने के बहाने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समुद्री क्षेत्रों के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया और अपने मछुआरों के बीच विभाजन पैदा कर दिया। जाफना विवि के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि अब, चीन एक गंभीर खाद्य संकट का प्रबंधन करने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण गणना के साथ उत्तर और पूर्व में उपजाऊ कृषि भूमि को हड़पने पर नजर गड़ाए हुए है। यह भूमि आगामी दस वर्षों में चीनी कब्जे में रहेगी। यह श्रीलंका के साथ भेदभाव की निशानी है।
आने वाले वक्त में गुलाम बनाने की रणनीति
सीलोन टुडे ने जाफना विवि के हवाले से कहा कि चीन ने कथित तौर पर श्रीलंका को उर्वरक के रूप में हानिकारक बैक्टीरिया के साथ मल पदार्थ की आपूर्ति की और श्रीलंका को लाखों रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया। यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि चीन कैसे हमारी उपजाऊ कृषि भूमि को हड़प लेगा और चीन में पैदा हुए खाद्य संकट का प्रबंधन करने के लिए हमें आने वाले वक्त में अपना गुलाम बना लेगा।
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