Sukhwinder Singh Sukhu: Why Was Sukhwinder Sukhu Made The Chief Minister Of Himachal, Know Five Big Reasons – Sukhwinder Singh Sukhu: सुखविंदर सुक्खू को क्यों बनाया गया हिमाचल का मुख्यमंत्री, जानें पांच बड़े कारण

आइए जानते हैं प्रतिभा सिंह की बजाय सुखविंदर सिंह को क्यों चुना गया हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री? सुक्खू ने कैसे सियासी पारी की शुरुआत की?
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म हमीरपुर जिले की नादौन तहसील के सेरा गांव में 26 मार्च 1964 को हुआ। पिता रसील सिंह हिमाचल परिवहन निगम में बस चालक थे। माता संसार देई गृहिणी हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्कूलिंग से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई शिमला से ही की। सुखविंदर ने एलएलबी की डिग्री हासिल की है।
चार भाई-बहनों में सुखविंदर सिंह सुक्खू दूसरे नंबर पर हैं। बड़े भाई राजीव सेना से रिटायर हैं। दो छोटी बहनों की शादी हो चुकी है। 11 जून 1998 को सुखविंदर सिंह सुक्खू की शादी कमलेश ठाकुर से हुई। इनकी दो बेटियां हैं जो दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एनएसयूआई से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। संजौली कॉलेज में पहले कक्षा के क्लास रिप्रेजेंटेटिव और स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के महासचिव चुने गए। उसके बाद राजकीय महाविद्यालय संजौली में स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। 1988 से 1995 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 1995 में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बने।
1998 से 2008 तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। नगर निगम शिमला के दो बार पार्षद बने। 2003, 2007, 2017 और अब 2022 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए। 2008 में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बने। आठ जनवरी 2013 से 10 जनवरी 2019 तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। अप्रैल 2022 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं टिकट वितरण कमेटी के सदस्य बने।
इसे समझने के लिए हमने हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण गोपाल ठाकुर से बात की। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में काफी उठापठक थी। जो नाम सीएम की रेस में थे, वो काफी बड़े थे। ऐसे में किसी एक के नाम को फाइनल करना काफी बड़ी चुनौती थी। पार्टी के दो गुटों में बंटने का भी डर था।’
कृष्ण गोपाल ने आगे पांच कारण बताए कि आखिर क्यों सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम ही फाइनल किया गया? आइए जानते हैं…
1. उपचुनाव नहीं चाहती पार्टी: कांग्रेस हाईकमान किसी भी हालत में अभी उपचुनाव नहीं चाहती है। सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक चुने जा चुके हैं, जबकि प्रतिभा सिंह अभी सांसद हैं। अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो कांग्रेस को दो उपचुनाव कराने पड़ते। पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा सीट पर। इस बार हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव में मंडी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। मतलब अगर उपचुनाव होते तो कांग्रेस को ये सीट हारने का डर था। वहीं, विधानसभा के अन्य सीटों पर भी जो जीत मिली है, वो बहुत कम मार्जिन से मिली है। ऐसे में उपचुनाव में भी हार का डर था।
2. परिवारवाद के आरोपों को खारिज करना चाहती है पार्टी: कांग्रेस पर हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। प्रतिभा सिंह के पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे भी विधायक हैं और खुद प्रतिभा सिंह सांसद हैं। ऐसे में अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता तो एक बार फिर से कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगता।