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Swami Prasad Maurya controversial statement on Ramcharit Manas said Government should ban Ramayana रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान

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रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान

रामचरित मानस को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक नेता इस ग्रंथ को लेकर अपनी राय दे रहे हैं। कई नेता तो इस ग्रंथ को लेकर विवादित बातें भी कह रहे हैं। इस सूची में नया नाम जुड़ा है समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्या का। उन्होंने रामचित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास की रामायण में दलितों औरत पिछड़ों का अपमान किया गया है।

‘तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए’ 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रामायण में दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया है। मौर्य ने कहा कि अगर सरकार इस ग्रंथ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है तो उन श्लोकों, दोहों और चौपाइयों को हटाया जाना चाहिए, जिनसे दलित समाज का अपमान होता है। 

‘स्त्रियों और शूद्रों को पढ़ने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया’ 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास द्वारा रचित रामायण में कई जगहों पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जिससे दलित समाज की भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने कहा कि जब तुलसीदास ने रामायण लिखी तो उसमें कहा गया कि नारी और शूद्रों को पढ़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। स्त्रियों और शूद्रों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजी हुकूमत ने दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे जिन लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं वो न हों। 

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