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Uniparts India’s Ipo Subscribed 58% On Day One, Retail Investors’ Share 77% Full – Uniparts Ipo: यूनिपार्ट्स इंडिया का आईपीओ पहले ही दिन 58% सब्सक्राइब हुआ, खुदरा निवेशकों का हिस्सा 77% फुल

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– फोटो : Istock

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शेयर बाजार में एक और नए आईपीओ ने दस्तक दी है। यह आईपीओ है खेती-बाड़ी और कंस्ट्रक्शन का निर्माण करने वाली कंपनी यूनिपार्ट्स इंडिया का। इसका आईपीओ 30 नवंबर को खुलेगा। सब्सक्रिप्शन के लिए यह आईपीओ दो दिसंबर तक खुला रहेगा। आईपीओ के लिए 548-577 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है। इस आईपीओ में कम से कम 25 शेयरों के लॉट में निवेश किया जा सकेगा। यूनिपार्ट्स के आईपीओ का 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है।

इंजीनियरिंग सिस्टम निर्माता यूनिपार्ट्स इंडिया के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बोली लगाने के पहले दिन 30 नवंबर को 58 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला। इस इश्यू को ऑफर पर 1.01 करोड़ शेयरों के मुकाबले 58.36 लाख शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। खुदरा निवेशकों ने आवंटित कोटा का 77 प्रतिशत खरीदा, जबकि उच्च निवेश मूल्य वाले व्यक्तियों के लिए अलग रखे गए हिस्से में इसे 90 प्रतिशत तक सब्सक्राइब किया गया।
 

योग्य संस्थागत खरीदारों ने उनके लिए आरक्षित 28.96 लाख शेयरों में से 8,050 शेयर खरीदे। प्रस्ताव पर पहले के 1.44 करोड़ शेयरों से आईपीओ का आकार घटाकर 1.01 करोड़ शेयर कर दिया गया था यह फैसला कंपनी की ओर से इश्यू खुलने के एक दिन पहले 29 नवंबर को एंकर बुक के माध्यम से 250.68 करोड़ रुपये जुटाए जाने के बाद लिया गया।

यूनिपार्ट्स इंडिया का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल यानी OFS के तहत खुलेगा। आईपीओ के जरिए मौजूदा निवेशक और कंपनी के प्रोमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है। जानकारी के मुताबिक ओएफएस में 1.44 करोड़ के इक्विटी शेयर बिक्री के लिए जारी किए गए हैं। कंपनी आईपीओ के जरिए करीब 836 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।  

ओएफएस में जो प्रोमोटर्स अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश कर रहे हैं उनमें  किरण सोनी, मेहर सोनी और पामेला सोनी शामिल हैं। प्रोमोटर्स के अलावा ओएफएस में मौजूदा निवेशक अशोका इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स और अंबादेवी मॉरीशस होल्डिंग्स भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश  करेगी।

यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस ही होगा इसलिए कंपनी को पब्लिक इश्यू से कोई आमदनी नहीं मिलेगी। यह कंपनी की ओर से इसे सार्वजनिक रूप से लाने का तीसरा प्रयास है। इससे पहले कंपनी ने आईपीओ के लिए दिसंबर 2018 और सितंबर 2014 में आवेदन दिए थे। दोनों बार आईपीओ को मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसे लॉन्च नहीं किया जा सका था।

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शेयर बाजार में एक और नए आईपीओ ने दस्तक दी है। यह आईपीओ है खेती-बाड़ी और कंस्ट्रक्शन का निर्माण करने वाली कंपनी यूनिपार्ट्स इंडिया का। इसका आईपीओ 30 नवंबर को खुलेगा। सब्सक्रिप्शन के लिए यह आईपीओ दो दिसंबर तक खुला रहेगा। आईपीओ के लिए 548-577 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है। इस आईपीओ में कम से कम 25 शेयरों के लॉट में निवेश किया जा सकेगा। यूनिपार्ट्स के आईपीओ का 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है।


इंजीनियरिंग सिस्टम निर्माता यूनिपार्ट्स इंडिया के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बोली लगाने के पहले दिन 30 नवंबर को 58 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला। इस इश्यू को ऑफर पर 1.01 करोड़ शेयरों के मुकाबले 58.36 लाख शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। खुदरा निवेशकों ने आवंटित कोटा का 77 प्रतिशत खरीदा, जबकि उच्च निवेश मूल्य वाले व्यक्तियों के लिए अलग रखे गए हिस्से में इसे 90 प्रतिशत तक सब्सक्राइब किया गया।

 

योग्य संस्थागत खरीदारों ने उनके लिए आरक्षित 28.96 लाख शेयरों में से 8,050 शेयर खरीदे। प्रस्ताव पर पहले के 1.44 करोड़ शेयरों से आईपीओ का आकार घटाकर 1.01 करोड़ शेयर कर दिया गया था यह फैसला कंपनी की ओर से इश्यू खुलने के एक दिन पहले 29 नवंबर को एंकर बुक के माध्यम से 250.68 करोड़ रुपये जुटाए जाने के बाद लिया गया।


यूनिपार्ट्स इंडिया का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल यानी OFS के तहत खुलेगा। आईपीओ के जरिए मौजूदा निवेशक और कंपनी के प्रोमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है। जानकारी के मुताबिक ओएफएस में 1.44 करोड़ के इक्विटी शेयर बिक्री के लिए जारी किए गए हैं। कंपनी आईपीओ के जरिए करीब 836 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।  


ओएफएस में जो प्रोमोटर्स अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश कर रहे हैं उनमें  किरण सोनी, मेहर सोनी और पामेला सोनी शामिल हैं। प्रोमोटर्स के अलावा ओएफएस में मौजूदा निवेशक अशोका इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स और अंबादेवी मॉरीशस होल्डिंग्स भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश  करेगी।

यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस ही होगा इसलिए कंपनी को पब्लिक इश्यू से कोई आमदनी नहीं मिलेगी। यह कंपनी की ओर से इसे सार्वजनिक रूप से लाने का तीसरा प्रयास है। इससे पहले कंपनी ने आईपीओ के लिए दिसंबर 2018 और सितंबर 2014 में आवेदन दिए थे। दोनों बार आईपीओ को मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसे लॉन्च नहीं किया जा सका था।



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