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Winter session of Parliament know govt agenda which bills will be presented and Congress strategy

Image Source : पीटीआई/फाइल
संसद भवन

नयी दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और यह 29 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सरकार कई अहम बिल पेश करेगी। इस सत्र में 17 बैठकें होंगी।  इससे पहले कल सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सदन का कामकाज सुचारू रूप से सुनिश्चित करने, सत्र के दौरान विधायी कार्यों एवं इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस से सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक से टी आर बालू, आप से संजय सिंह आदि नेताओं ने हिस्सा लिया। 

16 नए बिल पेश करने की योजना 

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की योजना 16 नए विधेयक पेश करने की है। इनमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं। शीतकालीन सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (एनएनएमसी) स्थापित करने एवं भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। 

बृहस्पतिवार को जारी लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है। सत्र के दौरान छावनी विधेयक, 2022 एक और मसौदा कानून है जिसे पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक के उद्देश्यों में छावनियों में ‘‘जीवन की सुगमता’’ को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है। इस दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक आदि भी शामिल हैं। 

आरक्षण, सीमा और आर्थिक हालात के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस 

कांग्रेस ने  फैसला किया कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सीमा पर हालात, अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की मांग करेगी। हालांकि, राहुल गांधी समेत इसके कई नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के कारण संसद सत्र में भाग लेने की संभावना नहीं है। पिछले हफ्ते कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई। इसमें पार्टी ने यह निर्णय भी लिया कि देश में संवैधानिक संस्थाओं को ‘कमजोर’ करने के मुद्दे को भी उठाया जाएगा। 

कांग्रेस ने सरकार को चीन के साथ सीमा के मुद्दे, अर्थव्यवस्था के हालात और ईडब्ल्यूएस आरक्षण जैसे विषयों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संसद के 17 दिनों के सत्र के लिए उनकी पार्टी की ओर से ये बड़े मुद्दे सामने आये हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन के बीच पिछले 22 महीने से तनाव है और संसद में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस चाहेगी कि इस विषय पर संसद में चर्चा हो।’ कांग्रेस संसद सत्र में महंगाई और रुपये के गिरते मूल्य के विषय के साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिक होने के मुद्दे को भी उठाएगी। रमेश ने बताया कि कांग्रेस अगले दो-तीन दिन में विपक्ष के नेताओं से बातचीत करेगी तथा इन विषयों पर संसद में चर्चा के लिए संयुक्त रणनीति की वकालत करेगी।

इनपुट-भाषा

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